उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने शिवालिक हाथी अभयारण्य की अधिसूचना वापस लेने पर रोक लगाई

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने शिवालिक हाथी अभयारण्य की अधिसूचना वापस लेने पर रोक लगाई

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने शिवालिक हाथी अभयारण्य की अधिसूचना वापस लेने पर रोक लगाई
Modified Date: November 29, 2022 / 08:53 pm IST
Published Date: January 9, 2021 8:59 am IST

नैनीताल, नौ जनवरी (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने शिवालिक हाथी अभयारण्य की अधिसूचना वापस लेने पर रोक लगा दी है। यह राज्य का एकमात्र हाथी अभयारण्य है।

मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहास और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की पीठ का यह आदेश पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली कार्यकर्ता रेनू फूल की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर शुक्रवार को आया।

इससे पहले चार जनवरी को न्यायालय की दूसरी खंड पीठ ने केन्द्र, राज्य सरकार और राज्य वन्यजीव बोर्ड को हाथी अभयारण्य की अधिसूचना वापस लेने के निर्णय पर नोटिस भेजे थे और उन्हें जवाब देने के लिए चार सप्ताह का वक्त दिया था।

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उच्च न्यायालय के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश के पदभार संभालने के पहले कामकाजी दिन में स्थगन आदेश जारी हुआ।

इससे पहले कम से कम 80 लोग कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ को सरकार द्वारा हाथी अभयारण्य की अधिसूचना वापस लिये जाने पर रोक लगाने के संबंध में अनुरोध कर चुके थे।

राज्य वन्यजीव बोर्ड ने नवंबर 2020 में अभयारण्य की अधिसूचना वापस लेने का फैसला किया था, जिसमें कहा गया था कि यह कदम देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट के विस्तार सहित 4,500 वर्ग किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र में विकास कार्य का मार्ग प्रशस्त करेगा।

भाषा

शोभना वैभव

वैभव


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