नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को समाज सुधारक नारायण गुरु को 164वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी ।
गृह मंत्री अमित शाह और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन समेत कई अन्य लोगों ने भी उन्हें याद किया।
नायडू ने ट्वीट किया, “ महान संत एवं समाज सुधारक, श्री नारायण गुरु को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि…वह दर्शनशास्त्री और मानवतावादी थे जिन्हें जाति व्यवस्था के खिलाफ उनकी लड़ाई और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए हमेशा याद किया जाएगा।”
मोदी ने कहा कि वह दूरदर्शी थे जिनके आदर्शों ने देश भर में लोगों को शक्ति दी।
मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘श्री नारायण गुरु की जयंती पर मैं उन्हें नमन करता हूं। उनका जीवन और उनके कार्य आध्यात्मकिता और सामाजिक सुधार के अद्भुत मिश्रण का प्रतीक थे। उन्होंने शिक्षा और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया।’’
श्री नारायण गुरु का जन्म 22 अगस्त, 1856 (मलयालम कैलेंडर के अनुसार 1032 में चिंगम माह में) को तिरुवनंतपुरम के निकट चेम्पाजंथी में एक बस्ती में हुआ था।
अपने अनुयायियों के बीच गुरुदेवन के नाम से मशहूर नारायण गुरु ने केरल में समाज सुधार आंदोलन का नेतृत्व और जाति व्यवस्था के खिलाफ विद्रोह किया। साथ ही उन्होंने केरल में सामाजिक समानता के लिये भी काम किया।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि श्री नारायण गुरू ने ”हमें मतभेदों से आगे देखने की सीख दी” और यही सामाजिक सद्भाव केरल की नींव रहा है।
विजयन ने ट्वीट किया, ”गुरु ने हमें मतभेदों से आगे देखने की सीख दी। यह सामाजिक सद्भाव केरल की नींव रहा है, जिसे केरल के पुनर्जागरण और प्रगतिशील आंदोलनों ने मजबूत बनाया है।”
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी श्री नारायण गुरु को श्रद्धांजलि दी।
शाह ने कहा कि वंचित वर्ग के सशक्तिकरण और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए स्वामी श्री नारायण गुरु के अथक प्रयास और योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सका।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘समाज सुधारक, आध्यात्मिक नेता और समानता और भाईचारे की पुरजोर वकालत करने वाले, स्वामी जी ने केरल में असमानता और अन्याय के खिलाफ समाज सुधार की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’’
गृह मंत्री ने कहा कि उनके सिद्धांत, उपदेश और विचार देश के लाखों-करोड़ों लोगों को समृद्ध बनाते रहेंगे।
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भाषा जोहेब माधव
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