कोलकाता, 27 जनवरी (भाषा) नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन को भेजे गए एक ताजा पत्र में विश्व भारती विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को सेन से शांति निकेतन में कथित तौर पर उनके ‘‘अवैध कब्जे’’ वाले भूखंड के कुछ हिस्सों को तुरंत खाली करने को कहा है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय की ओर से तीन दिनों में जाने-माने अर्थशास्त्री को यह दूसरा ऐसा पत्र भेजा गया है।
विश्व भारती के एक अधिकारी ने कहा कि पत्र अर्थशास्त्री के शांति निकेतन निवास पर पहुंचा दिया गया है, जो ज्यादातर अमेरिका में रहते हैं।
सेन ने पहले जोर देकर कहा था कि शांति निकेतन परिसर में उनके पास जो जमीन है, उनमें से अधिकांश को उनके पिता ने खरीदा था जबकि कुछ अन्य भूखंड पट्टे पर लिए थे।
ताजा पत्र में कहा गया, ‘‘24 जनवरी का संलग्न पत्र और अन्य दस्तावेज स्वयं मामले को स्पष्ट करते हैं। आपके कब्जे में 1.38 एकड़ भूमि है जो आपके 1.25 एकड़ भूमि के कानूनी अधिकार से अधिक है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘कृपया जितनी जल्दी हो सके भूमि को विश्व भारती को लौटा दें क्योंकि कानूनी कार्रवाई करने से आपको और विश्व भारती को भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा, जिसे आप बहुत प्यार करते हैं।’’
भाषा
शफीक माधव
माधव
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
खबर लोस चुनाव खरगे मोदी छह
1 hour agoखबर लोस चुनाव खरगे मोदी पांच
1 hour agoखबर लोस चुनाव खरगे मोदी चार
1 hour agoखबर लोस चुनाव खरगे मोदी तीन
1 hour agoखबर लोस चुनाव खरगे मोदी दो
1 hour ago