लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर भूख हड़ताल में शामिल हुए वांगचुक

लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर भूख हड़ताल में शामिल हुए वांगचुक

लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर भूख हड़ताल में शामिल हुए वांगचुक
Modified Date: August 10, 2025 / 10:35 pm IST
Published Date: August 10, 2025 10:35 pm IST

कारगिल, 10 अगस्त (भाषा) लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग के समर्थन में चल रही तीन दिवसीय भूख हड़ताल के दूसरे दिन जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक समेत लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) के कई नेता शामिल हुये । इसमें निकाय के सह अध्यक्ष चेरिंग दोरजे भी शामिल हैं।

दोरजे और वांगचुक इस व्यापक अटकलों के बीच कारगिल पहुंचे कि उन्हें कारगिल विकास प्राधिकरण (केडीए) द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उन्हें गिरफ़्तार किया जा सकता है।

वांगचुक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं लद्दाख के लोगों की मांगों का समर्थन करने के लिए विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दृढ़ था। संभावित गिरफ़्तारियों की अफवाहें थीं, लेकिन मैंने उन्हें कभी गंभीरता से नहीं लिया। मैंने कभी कुछ गलत नहीं किया और हमेशा लोगों और राष्ट्र की सेवा की है।’’

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उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उनकी भागीदारी का उद्देश्य कारगिल और लेह के लोगों के बीच राज्य का दर्जा और आवश्यक सुरक्षा उपायों की मांग में एकता का संदेश देना और लद्दाख के लोगों को बांटने की कोशिश करने वालों का विरोध करना था।

वांगचुक ने कहा, ‘‘झूठी प्रशंसा के बजाय आलोचना, नेताओं को बेहतर बनने में मदद करती है। हम सच्ची आलोचना में विश्वास करते हैं और इसे इसी भावना से समझा जाना चाहिए। अगर वे निर्दयी हैं और हमें गिरफ़्तार करके जेल में डालना चाहते हैं, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। मैंने अपना जीवन अपने देश के लिए जिया है और मैं इसके लिए मरने को भी तैयार हूँ।’’

भाषा रंजन नरेश

नरेश


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