Waqf Amendment Bill: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ संशोधन विधेयक को दी मंजूरी.. तीन दिनों के भीतर ही लिया कानून का रूप

तीन दिनों के भीतर संसद के दोनों सदनों में पेश होने, चर्चा और बहस के बाद आज प्रेजिडेंट की मंजूरी के साथ ही इस नए बिल ने कानून का स्वरुप ले लिया।

Waqf Amendment Bill: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ संशोधन विधेयक को दी मंजूरी.. तीन दिनों के भीतर ही लिया कानून का रूप

Waqf Amendment Bill gets President's approval || Image- President of India

Modified Date: April 6, 2025 / 12:06 am IST
Published Date: April 5, 2025 11:48 pm IST
HIGHLIGHTS
  • संसद के दोनों सदनों से हो चुका है विधेयक पारित।
  • संसद के दोनों सदनों से विधेयक पारित किया गया।
  • तीन दिन में विधेयक बन गया नया कानून।

Waqf Amendment Bill gets President’s approval: नई दिल्ली: संसद के दोनों सदनों से पास किया गया वक़्फ़ संशोधन विधेयक ने कानून का रूप ले लिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस तरह तीन दिनों के भीतर संसद के दोनों सदनों में पेश होने, चर्चा और बहस के बाद आज प्रेजिडेंट की मंजूरी के साथ ही इस नए बिल ने कानून का स्वरुप ले लिया।

Read More: #SarkaronIBC24: मंच से केंद्रीय गृहमंत्री ने आम बस्तरिया को दिलाया भरोसा, कहा ‘अब किसी से डरने की जरूरत नहीं’ 

Image

 ⁠

 

गौरतलब है कि, संसद के दोनों सदनों से वक्फ (संशोधन) विधेयक के पारित होने, राष्ट्रपति की मंजूरी मिलाने और विधेयक के कानूनी स्वरुप लेने के बाद के बाद, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में नए राजनीतिक समीकरण उभरकर सामने आए हैं। यह विधेयक पारित करना महत्वपूर्ण है, विशेषकर तब जब तीसरी बार मोदी सरकार को बहुमत के लिए अपने सहयोगी दलों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। यह गठबंधन राजनीति की गतिशीलता में महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।

विधेयक का महत्व और राजनीतिक प्रभाव

वक्फ (संशोधन) विधेयक, जो मुस्लिम धर्मार्थ भूमि संपत्तियों के प्रबंधन में बदलाव करता है, में गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्डों में शामिल करने और सरकारी निगरानी बढ़ाने का प्रावधान है। समर्थकों का तर्क है कि ये बदलाव भ्रष्टाचार कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए हैं, जबकि आलोचकों का मानना है कि यह मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और धार्मिक संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ा सकता है।

वक्फ बिल पारित होने के 3 संकेत

कई नेताओं का मानना है कि वक्फ विधेयक को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने से तीन कारकों का संकेत मिल सकता है; सबसे पहले, इस प्रकरण से विपक्ष की यह उम्मीद कम हो गई है कि एनडीए के सहयोगी वैचारिक मतभेदों के कारण तीसरी मोदी सरकार को खतरे में डाल सकते हैं।

Read Also: Mitra Vibhushan PM Modi: पीएम मोदी की एक और उपलब्धि.. पड़ोसी श्रीलंका ने किया सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘मित्र विभूषण’ से सम्मानित

दूसरे, वक्फ विधेयक के पारित होने से सरकार को अपने लंबित वैचारिक एजेंडे समान नागरिक संहिता को अपनी राजनीतिक सुविधा के समय पर आगे बढ़ाने की इच्छा हो सकती है। तीसरे, गठबंधन के बढ़ते आत्मविश्वास से सरकार आर्थिक और शासन सुधार एजेंडे पर अधिक महत्वाकांक्षी रूप से कार्य कर सकती है, जिससे सहयोगी दलों को उचित शर्तों पर अधिक उदार बनाया जा सकता है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown