नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने कब्रिस्तान की जमीन भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को आवंटित किये जाने के मामले में हस्तक्षेप से इनकार करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने संबंधी दिल्ली वक्फ बोर्ड की पुनरीक्षण याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ द्वारा सुनी गई पुनरीक्षण याचिका में बोर्ड ने कहा है कि उसकी शिकायत अदालत के उस अवलोकन तक सीमित थी, जिसमें कहा गया है कि कब्रों का स्थानांतरण कोई असामान्य घटना नहीं है, खासकर तब जब वे किसी विकास गतिविधि में बाधक बनते हैं।
बोर्ड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय घोष ने अदालत से इस आधार पर टिप्पणी वापस लेने का आग्रह किया कि वर्तमान मामला किसी भी विकास गतिविधि से संबंधित नहीं है या कब्रों को स्थानांतरित करने से संबंधित नहीं है।
अदालत ने हालांकि कहा कि फैसले की समीक्षा के लिए कोई आधार नहीं बनाया गया है।
अदालत ने 20 अप्रैल को आईटीबीपी को कथित तौर पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के स्वामित्व वाले कब्रिस्तान के आवंटन पर केंद्र के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था।
भाषा
सुरेश दिलीप
दिलीप
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