हम मानवाधिकारों के उल्लंघन की प्रयोगशाला बन गए हैं: धनखड़

हम मानवाधिकारों के उल्लंघन की प्रयोगशाला बन गए हैं: धनखड़

हम मानवाधिकारों के उल्लंघन की प्रयोगशाला बन गए हैं: धनखड़
Modified Date: November 29, 2022 / 07:55 pm IST
Published Date: July 6, 2022 6:24 pm IST

कोलकाता, छह जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बंगाली बुद्धिजीवियों से राज्य में ‘‘लोकतांत्रिक मूल्यों के पतन’’ के बारे में अपनी चुप्पी तोड़ने का बुधवार को आग्रह किया।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में राज्यपाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल ऐसा स्थान नहीं बनना चाहिए ‘‘जहां लोकतंत्र अपनी अंतिम सांस लेता हो।’’

उन्होंने दावा किया, ‘हम मानवाधिकारों के उल्लंघन की प्रयोगशाला बन गए हैं।’

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उल्लेखनीय है कि जुलाई 2019 में राज्यपाल के रूप में पदभार संभालने के बाद से धनखड़ का राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ लगातार टकराव होता रहा है।

धनखड़ ने कहा कि वह राज्य में लोकतंत्र को खत्म नहीं होने देंगे और वह अपनी संवैधानिक शपथ को विफल नहीं होने दे सकते। उन्होंने कहा कि संविधान सभी के लिए एक निष्पक्ष दृष्टिकोण और समानता की अनुमति देता है।

उन्होंने कहा कि केंद्र ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति के माध्यम से इसके प्रति एक स्पष्ट संकेत दिया है।

धनखड़ ने कहा कि राज्य के लोगों को यह याद रखना चाहिए कि विभाजन के समय मुखर्जी ने देश के लिए किस तरह सराहनीय कार्य किया। उन्होंने कहा कि यह मुखर्जी की ही महत्वपूर्ण भूमिका थी जिसके परिणामस्वरूप पश्चिम बंगाल वर्तमान में है।

उन्होंने कहा, ‘विभाजन के समय जो खतरा था, उसे भारत मां के इस (मुखर्जी) महान सपूत के महान प्रयासों से ही खत्म किया जा सका।’ उन्होंने कहा कि मुखर्जी एक राष्ट्रवादी, स्वतंत्रता सेनानी और एक महान नेता थे जिन्होंने ‘भारत मां’ की सेवा की सच्ची भावना के साथ अपना जीवन बलिदान कर दिया।

भाषा नेत्रपाल देवेंद्र

देवेंद्र


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