परिवार ने कर दिया था अंतिम संस्कार, 10वें दिन घर पहुंचा जिंदा शख्स, प्रशासन से सवाल मृतक कौन था ?

परिवार ने कर दिया था अंतिम संस्कार, 10वें दिन घर पहुंचा जिंदा शख्स, प्रशासन से सवाल मृतक कौन था ?

परिवार ने कर दिया था अंतिम संस्कार, 10वें दिन घर पहुंचा जिंदा शख्स, प्रशासन से सवाल मृतक कौन था ?
Modified Date: November 29, 2022 / 07:47 pm IST
Published Date: May 25, 2021 11:38 am IST

जयपुर। राजस्थान के राजसमंद से एक चकित कर देने वाली खबर सामने आयी है, जहां 10 दिन पहले एक शख्स मर चुका था और परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार तक कर दिया था, लेकिन वो अचानक घर लौटकर आ गया।  मृत शख्स को जिंदा देखकर परिवार के लोग हैरान रह गए, भाई और बच्चों ने सिर मुंडवा लिए थे और घर पर 9 दिनों से घर पर मातम पसरा था। 

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ऐसे में सवाल उठने लगे कि जिस शख्स का अंतिम संस्कार किया गया वो कौन था? शव का न तो पोस्टमार्टम हुआ और न ही विसरा रिपोर्ट ली, ऐसे कांकरोली पुलिस और आरके अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया।  

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बीते 11 मई को मोही रोड पर एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला, उसे 108 एंबुलेंस से आरके जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां से कांकरोली पुलिस को पत्र भेजकर शव की पहचान के लिए बुलाया गया, कोई जानकाी नहीं मिलने के बाद 15 मई को हेड कांस्टेबल मोहनलाल अस्पताल पहुंचे, जहां सोशल मीडिया पर वायरल फोटो के आधार पर पुलिस ने कांकरोली निवासी ओंकारलाल गाडोलिया लोहार के भाई नानालाल व परिजनों को बुला लिया। 

नानालाल ने पुलिस को बताया कि उसके भाई ओंकारलाल के दाएं हाथ में कलाई से लेकर कोहनी तक लंबा चोट का निशान है और बाएं हाथ की दो उंगलिया मुड़ी हुई हैं, इसके बाद अस्पताल प्रशासन और पुलिस ने तीन दिन पुराना और डी फ्रिज में होने का हवाला देकर हाथ के निशान मिटने की बात कहकर परिवार को शव सौंप दिया।  

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इसके बाद पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने बिना पोस्टमार्टम करवाए ही पंचनामा बनाकर शव को दे दिया, परिजनों ने ओंकारलाल गाडोलिया लोहार समझकर अंतिम संस्कार भी कर दिया, पिछले 10 दिनों से परिवार में गम का माहौल था पर रविवार शाम ओंकारलाल घर लौट आया, तो परिजन हैरान रह गए। ओंकारलाल ने बताया कि 11 मई को परिजनों को बताए बिना वो उदयपुर गया था, तबीयत खराब होने पर उदयपुर अस्पताल में भर्ती हो गया, जहां चार दिन बाद छुट्टी दी गई। जब वो रविवार को घर लौटा तो देखा कि उसकी फोटो पर माला चढ़ी है और भाई व बच्चों ने सिर मुंडवाया हुआ है। 

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ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जिस शख्स का अंतिम संस्कार किया गया वो कौन था, क्योंकि उस शव का न तो पोस्टमार्टम हुआ और न ही विसरा रिपोर्ट ली गई। ऐसे में पुलिस कैसे पता करेगी कि जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया गया वो कौन था? अस्पताल के साथ पुलिस सिस्टम की इस लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। 

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com