जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान जेपी के इलाज के लिए 90 हजार रुपये दान किए
जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान जेपी के इलाज के लिए 90 हजार रुपये दान किए
नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) आपातकाल के समय के एक प्रकरण का उल्लेख कम ही होता है जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने कट्टर आलोचक और आपातकाल विरोधी आंदोलन के नेता जयप्रकाश नारायण के इलाज के लिए चुपचाप 90,000 रुपये की राशि दान की थी।
एक नई किताब से पता चलता है कि यह दान उस समय दिया गया था जब जेपी नाम से मशहूर नारायण का स्वास्थ्य खराब हो गया था और उन्हें जीवन रक्षक पोर्टेबल डायलिसिस मशीन की आवश्यकता थी।
हालांकि जेपी ने पैसे लेने से इनकार कर दिया था।
आपातकाल घोषित होने के कुछ ही घंटे बाद 26 जून, 1975 को गिरफ्तार किए गए जयप्रकाश नारायण ने चंडीगढ़ में हिरासत में पांच महीने बिताए और उन्हें उसी साल नवंबर में 30 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया
सुगत श्रीनिवासराजू द्वारा लिखित पुस्तक ‘द कॉन्शन्स नेटवर्क: ए क्रॉनिकल ऑफ रेजिस्टेंस टू ए डिक्टेटरशिप’ के अनुसार, हिरासत में रहने के दौरान जेपी को किडनी फेल होने का पता चला और जीवित रहने के लिए उन्हें आजीवन डायलिसिस की आवश्यकता थी।
किताब में लिखा गया है, ‘‘बहुत जल्द ही उनके इलाज का खर्च और उन्हें नियमित रूप से जरूरी डायलिसिस चिंता का विषय बन गया। समय के साथ यह तय हुआ कि नियमित रूप से अस्पताल जाने के बजाय पोर्टेबल डायलाइजर मशीन बेहतर रहेगी। यह भी तय हुआ कि सरकार की मदद स्वीकार नहीं की जाएगी। इसलिए, उनके प्रशंसकों ने डायलाइजर के लिए पैसे जुटाना शुरू कर दिया।’’
जैसे ही उनकी खराब सेहत की खबर फैली, भारत और विदेश में उनके समर्थकों ने संसाधन जुटाने शुरू कर दिए। किताब के अनुसार, योजना यह थी कि महंगी डायलिसिस मशीन के लिए लोगों से प्रति व्यक्ति 1 रुपया इकट्ठा किया जाए। हालांकि, इसकी प्रगति धीमी रही।
किताब के मुताबिक, ‘‘उस समय, इंदिरा गांधी को इन कोशिशों के बारे में पता चला, उन्होंने अपने योगदान के रूप में एक अच्छी खासी रकम वाला चेक भेजा।’’
हालांकि, आपातकाल से कुछ हफ्ते पहले अमेरिका में गठित प्रवासी भारतीयों के नेतृत्व वाला संगठन ‘इंडियन्स फॉर डेमोक्रेसी’ (आईएफडी) इंदिरा गांधी के दान की खबर से निराश हो गया। समूह ने धन जमा कर रहे गांधी शांति फाउंडेशन के राधाकृष्ण से पैसे वापस करने का आग्रह किया।
आईएफडी के एक सदस्य आनंद कुमार याद करते हैं, ‘‘मुझे बताया गया कि अगर चेक स्वीकार कर लिया गया तो जेपी के प्रशंसकों को बहुत निराशा होगी… हमने जेपी से इंदिरा गांधी का चेक वापस करने का अनुरोध किया। यह पूरी तरह से हमारे हस्तक्षेप पर लौटाया गया था।’’
उन्होंने आगे कहा कि उनके संगठन ने बाकी राशि जमा करने का संकल्प लिया था। आईएफडी ने नारायण के लिए एक पोर्टेबल डायलिसिस मशीन की खरीद और रखरखाव के लिए 5 लाख रुपये (उस समय लगभग 65,000 अमेरिकी डॉलर) जुटाने के लिए एक वैश्विक अपील शुरू की और सफलतापूर्वक राशि एकत्र की।
भाषा वैभव नरेश
नरेश

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