वन्यजीव प्रेमियों ने अलीपुर चिड़ियाघर को बचाने के आंदोलन को तेज करने की ठानी

वन्यजीव प्रेमियों ने अलीपुर चिड़ियाघर को बचाने के आंदोलन को तेज करने की ठानी

वन्यजीव प्रेमियों ने अलीपुर चिड़ियाघर को बचाने के आंदोलन को तेज करने की ठानी
Modified Date: July 24, 2025 / 04:39 pm IST
Published Date: July 24, 2025 4:39 pm IST

कोलकाता, 24 जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल में जैवविविधता के लिए काम करने वाले संगठन ‘सेव वाइल्ड एनीमल्स ऑफ जू एंड आवर नेचर (स्वाजोन)’ ने बृहस्पतिवार को अलीपुर प्राणि उद्यान में विभिन्न प्रकार के जानवरों की संख्या में भारी गिरावट की जांच की मांग करते हुए चिड़ियाघर के सामने प्रदर्शन करने की घोषणा की।

‘स्वाजोन’ ने चिड़ियाघर में विभिन्न प्रजातियों के जानवरों की संख्या 2023-24 के अंत के 672 से घटकर 2025 के प्रारंभ तक 351 रह जाने के आंकड़ों का हवाला देते हुए इसकी समृद्ध जैव विविधता के साथ छेड़छाड़ के किसी भी प्रयास के खिलाफ चेतावनी दी।

एक जुलाई को ‘स्वाजोन’ ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर हस्तक्षेप की मांग की थी और अलीपुर चिड़ियाघर के अधिकारियों को विभिन्न प्रजातियों के जानवरों की सही संख्या और उनकी संख्या में कोई उल्लेखनीय गिरावट आई है या नहीं, इस संबंध में में विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

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स्वाजोन के एक प्रवक्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने ‘चिड़ियाघर बचाओ’ पहल के लिए 30 जुलाई को चिड़ियाघर के गेट पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। जो इस मुहिम में शामिल होना चाहते हैं, उनका स्वागत है। उम्मीद है कि वन अधिकारी पशु कल्याण और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देंगे।’’

‘‘चिड़ियाघर की जमीन के व्यवसायीकरण’ की भी किसी कोशिश को रोकने का संकल्प लेते हुए, स्वाजोन के प्रवक्ता ने कहा कि अलीपुर चिड़ियाघर 150 साल पुराना एक विरासत स्थल है तथा इसका संरक्षण ऐतिहासिक और पर्यावरणीय दोनों ही कारणों से बेहद जरूरी है।

संगठन ने दावा किया कि प्रजातियों की संख्या में गिरावट -सिर्फ एक दशक में 1,452 से घटकर 351 रह जाना – बेहद चिंताजनक है और इसे चिड़ियाघर के आसपास की जमीन के व्यवसायीकरण के कथित प्रयासों से अलग करके नहीं देखा जा सकता, जहां महत्वपूर्ण जल निकाय और हरित क्षेत्र हैं।

भाषा राजकुमार शफीक

शफीक


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