महिला आरक्षण का लाभ केवल 2034 में ही संभव: कपिल सिब्बल

महिला आरक्षण का लाभ केवल 2034 में ही संभव: कपिल सिब्बल

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  • Publish Date - September 24, 2023 / 08:11 PM IST,
    Updated On - September 24, 2023 / 08:11 PM IST

नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने रविवार को कहा कि महिला आरक्षण का लाभ केवल 2034 से ही संभव है और आरोप लगाया कि संबंधित विधेयक को राज्य विधानसभाओं तथा आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर लाया गया है।

राज्यसभा सदस्य ने यह टिप्पणी ‘दिल से’ नामक अपनी नयी पहल के तहत की, जिसके अंतर्गत वह हर पखवाड़े एक पत्रकार के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत करेंगे।

सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई पहली कड़ी में सिब्बल ने महिला आरक्षण विधेयक, बसपा सांसद दानिश अली पर भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी की टिप्पणी को लेकर उत्पन्न विवाद और नए संसद भवन पर अपने विचारों से संबंधित सवालों के जवाब दिए।

बिधूड़ी की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि भाजपा सांसद को संसद से ‘निष्कासित’ किया जाना चाहिए।

सिब्बल ने कहा, ‘मैंने संसद में अपने 30 साल लंबे करियर में ऐसा नहीं देखा है। ऐसी अभद्र भाषा, इतना ज़हर कभी नहीं देखा और मैं तो अध्यक्षता कर रहे व्यक्ति से भी हैरान एवं स्तब्ध हूं, जिन्होंने कहा कि मैं रिकॉर्ड देखूंगा और फिर इसे हटा दूंगा। मैं बस इसे समझ नहीं पा रहा हूं।’

सिब्बल ने यह बात स्पष्ट रूप से कांग्रेस सांसद के. सुरेश के संदर्भ में कही जो पिछले सप्ताह लोकसभा में घटना के समय आसन पर थे।

उन्होंने बिधूड़ी के बारे में कहा कि ऐसे लोगों को संसद से बाहर कर दिया जाना चाहिए।

सिब्बल ने कहा, ‘कल्पना कीजिए कि अगर उनके (दानिश अली के) समुदाय के किसी सदस्य ने ऐसा ही काम किया होता, तो क्या होता और पीठासीन अधिकारी ने क्या किया होता।’

मई 2013 से मई 2014 के बीच केंद्रीय कानून मंत्री रहे सिब्बल ने कहा, ‘हमने समाज में इस तरह का जहर पैदा कर दिया है कि एक विशेष समुदाय के लोग कुछ भी कह सकते हैं और बच सकते हैं।’

पिछले सप्ताह संसद द्वारा पारित महिला आरक्षण विधेयक के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि उन्हें इस बारे में संदेह है कि सरकार इस विधेयक को तुरंत लागू कराने की इच्छुक है।

यह पूछे जाने पर कि विधेयक कब लागू हो सकता है, सिब्बल ने कहा, ‘2029 में नहीं। मैं आपको बताता हूं क्यों। आखिरी परिसीमन 1976 में किया गया था… अब 2026, यदि आप जनगणना करना शुरू करते हैं, जैसा कि आप जानते हैं कि यह एक बहुत बड़ी कवायद है, हमारे पास 1.4 अरब से अधिक लोग हैं, इसमें एक से डेढ़ साल लगेगा।’’

उन्होंने कहा कि परिसीमन भी एक लंबी और बड़ी कवायद है तथा महिलाओं के लिए आरक्षण का लाभ 2034 से ही संभव हो सकता है।

यह पूछे जाने पर कि क्या विधेयक राज्य विधानसभाओं और लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर लाया गया है, सिब्बल ने कहा, ‘निस्संदेह। 2023 में, वे ऐसा करने के लिए विशेष सत्र क्यों रखेंगे।’

उन्होंने कहा, ‘सरकार ने संसद में इसका जवाब नहीं दिया है। सवाल यह पूछा जाना चाहिए कि प्रधानमंत्री और कानून मंत्री को यह बताना चाहिए कि उन्होंने 2014 में ऐसा क्यों नहीं किया, इसका कोई जवाब नहीं है।’

नए संसद भवन पर सिब्बल ने कहा, ‘यह ठीक है, यह किसी भी अन्य सात सितारा इमारत की तरह है। मुझे और अधिक आरामदायक जगह पसंद आती। मुझे ऐसी संसद पसंद आती जहां मैं अपने सहयोगियों के करीब महसूस करता।’

भाषा

नेत्रपाल संतोष

संतोष