काम बोलता है, शेरनी की तरह दहाड़ने की जरूरत नहीं है, देखिए विद्या बालन ने क्यों कही ये बात | Work speaks, there is no need to roar like a lioness: Vidya Balan

काम बोलता है, शेरनी की तरह दहाड़ने की जरूरत नहीं है, देखिए विद्या बालन ने क्यों कही ये बात

काम बोलता है, शेरनी की तरह दहाड़ने की जरूरत नहीं है, देखिए विद्या बालन ने क्यों कही ये बात

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:20 PM IST, Published Date : June 16, 2021/9:57 am IST

नई दिल्ली, 16 जून (भाषा) । मशहूर अदाकारा विद्या बालन ने कहा कि वह असल जिंदगी में अपनी आने वाली फिल्म ‘‘शेरनी’’ में निभाए वन अधिकारी विद्या विंसेंट के किरदार की तरह ही हैं जो बहुत कम बोलती है और चाहती है कि उसका काम बोले। इस आगामी फिल्म का ट्रेलर दिखाता है कि यह किरदार कई पुरुषों से घिरा हुआ है जो उन्हें नियंत्रित करना चाहते हैं कि वह कैसे काम करें। विद्या का कहना है कि कुछ ऐसा ही उनकी असल जिंदगी में भी हुआ है। बालन ने मुंबई से जूम पर ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे कोई एक घटना याद नहीं है लेकिन हर बार…पुरुष इस सोच के साथ बड़े होते हैं कि उन्हें हमेशा अपना दबदबा रखना चाहिए जबकि महिलाओं को यह विश्वास करना सिखाया जाता है कि हमें संरक्षण की जरूरत है इसलिए हम हमेशा आगे आने, आवाज उठाने, अपने लिए खड़े होने तथा अपने लिए फैसले करने को लेकर थोड़ा हिचकिचाते हैं।’’

 

अपने 15 साल के फिल्मी करियर में बालन ने अलग-अलग तरह के किरदार निभाए जिनमें वह हमेशा मुख्य भूमिका में रहीं चाहे वह ‘‘परिणीता’’ से उनका आगाज रहा हो या उनकी नयी फिल्म ‘‘शेरनी’’ हो जिसमें उन्होंने एक ऐसी वन अधिकारी का किरदार निभाया है जो आदमखोर बाघ को पकड़ना चाहती है।बालन ने कहा कि फिल्म निर्देशक अमित मसुरकर ने एक ऐसी महिला वन अधिकारी की कहानी सुनाई जो मानव-पशु संघर्ष को सुलझाने की कोशिश करते वक्त अपनी शादी और नौकरी के बीच उलझ जाती है और जल्द ही इन सबमें फंस जाती है। मसुरकर को उनकी फिल्म ‘‘न्यूटन’’ के लिए जाना जाता है और उन्होंने कई विज्ञापन फिल्मों में बालन के साथ काम किया है। विद्या विंसेंट भी एक पितृसत्तात्मक समाज और अपने विभाग में उदासीन रवैये का सामना करती है। अभिनेत्री ने कहा, ‘‘वह ऐसी इंसान है जो बहुत कम बोलती है, बमुश्किल मुस्कुराती है लेकिन वह कुछ कर दिखाने वाली है। वह वही करती है जो उसे सही लगता है। यह इस तरह है कि आपको शेरनी की तरह दहाड़ने की जरूरत नहीं है। तो मेरा किरदार भी एक शेरनी की तरह है लेकिन वह दहाड़ती नहीं है।’’

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यह पूछने पर कि क्या उनका किरदार उसी तरह है जैसे कि उन्होंने बॉलीवुड में अपने करियर को आगे बढ़ाया। इस पर बालन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैं निजता पसंद करने वाली शख्स हूं। जो मैं करती हूं वह मुझे अच्छा लगता है तो जब मैं किसी फिल्म का प्रचार कर रही हूं तो मैं उसके लिए जी-जान से जुट जाती हूं वरना आप जानते हैं कि न कहीं दिखती हूं और न मेरे बारे में कुछ सुना जाता है। मैं चाहती हूं कि मेरा काम आपसे बात करे क्योंकि मुझे लगता है कि हर कोई बोल रहा है लेकिन कोई भी सुन नहीं रहा।’’ बालन ने अपने करियर में ‘‘पा’’, ‘‘इश्कियां’’, ‘‘नो वन किल्ड जेसिका’’, ‘‘द डर्टी पिक्चर’’, ‘‘कहानी’’, ‘‘बॉबी जासूस’’, ‘‘तुम्हारी सुलु’’ और ‘‘शकुंतला देवी’’ जैसी अलग-अलग अंदाज की फिल्में की हैं। बालन ने कहा कि उनकी करियर की कोई योजना या रणनीति कभी नहीं रही।

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अभिनेत्री ने कहा, ‘‘मैंने सीखा है कि ज्यादातर बार योजना धरी की धरी रह जाती है। देखिये दुनिया में हर किसी ने जो योजनाएं बनायी थीं उनका क्या हुआ, महामारी ने उन सभी योजनाओं पर पानी फेर दिया।’’ बालन ने कहा कि उन्होंने अपने दिल की सुनी है और करियर की शुरुआत में ही यह अहसास हो गया था कि वह ऐसे ही कुछ भी नहीं करना चाहती जैसे कि बड़े बैनरों के साथ काम करना या बड़े सितारों के साथ फिल्में करना। बालन ने कहा, ‘‘मैं सही वजहों के लिए फिल्में करना चाहती थी और मुझे लगता है कि इसने मेरे करियर की दिशा ही बदल दी और मुझे खुशी है कि ऐसा हुआ। कुछ ऐसे किरदार रहे जो ज्यादा छाप नहीं छोड़ पाए लेकिन अभी तक एक भी ऐसी फिल्म नहीं है जिसे करने का मुझे पछतावा हो।’’‘‘शेरनी’’ 18 जून को अमेजन प्राइम पर रिलीज होने वाली है और यह इस स्ट्रीमर पर बालन की दूसरी फिल्म है। इस फिल्म में शरद सक्सेना, मुकुल चड्ढा, विजय राज, इला अरुण, ब्रिजेंद्र काला और नीरज काबी भी अहम भूमिकाओं में हैं। इससे पहले बालन की ‘शकुंतला देवी’ भी अमेजन प्राइम पर आ चुकी है।