जनजातीय क्षेत्रों का शैक्षिक पिछड़ापन दूर करने के लिए काम हो :मिश्र

जनजातीय क्षेत्रों का शैक्षिक पिछड़ापन दूर करने के लिए काम हो :मिश्र

जनजातीय क्षेत्रों का शैक्षिक पिछड़ापन दूर करने के लिए काम हो :मिश्र
Modified Date: November 29, 2022 / 07:48 pm IST
Published Date: December 23, 2020 1:32 pm IST

जयपुर, 23 दिसम्बर (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शिक्षा को सकारात्मक परिवर्तन का बड़ा माध्यम बताते हुए जनजातीय क्षेत्रों को शैक्षिक पिछडे़पन से मुक्त करने के लिये प्रभावी प्रयास किए जाने का आह्वान किया है।

मिश्र ने बुधवार को गोविन्द गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय, बाँसवाड़़ा़ के दूसरे दीक्षान्त समारोह को ऑनलाइन माध्यम से सम्बोधित किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के तहत आदिवासी भाषाओं के अध्ययन, दर्शन, इतिहास और परंपरा को सहेजने के लिए विशेष कार्य करने पर भी जोर दिया।

कुलाधि‍पत‍ि मि‍श्र ने इस संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा अपने यहां ऐसा केन्द्र स्थापित करने के निर्देश दिए, जिसके तहत आदिवासी ज्ञान-परंपरा को राष्ट्रीय स्तर पर लाए जाने के अधिकाधिक प्रयास हो सकें। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज को यह अनुभव कराना जरूरी है कि दूसरा समाज उनसे कहीं अलग नहीं है। उनका भी समाज में समान रूप से महत्व है।

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उन्होंने कहा कि इससे जनजातीय समुदाय की बेहतरीन बातें सभ्य कहे जाने वाले समाज तक भी पहुंचेगी और उनसे सभी को सीख मिल सकेगी।

राज्यपाल ने जनताजीय समुदाय को देश की सांस्कृतिक विरासत और कला-शिल्प कौशल के प्रहरी और भारतीय संस्कृति का संरक्षक बताते हुए विश्वविद्यालय स्तर पर वागड़ क्षेत्र के जनजातीय समुदाय का सांस्कृतिक अध्ययन किये जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने गोविंद गुरु जी द्वारा आदिवासी समाज को शिक्षित और संस्कारित करने के उनके कार्यों को आगे बढ़ाए जाने के लिए भी विश्वविद्यालय स्तर पर सभी को मिलकर कार्य करने पर जोर दिया।

भाषा कुंज शफीक दिलीप

दिलीप


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