अधिक टिकाऊ, लचीले पर्यटन क्षेत्र के निर्माण के लिए मिलकर काम किया जाए : जी20 बैठक में भारत ने कहा
अधिक टिकाऊ, लचीले पर्यटन क्षेत्र के निर्माण के लिए मिलकर काम किया जाए : जी20 बैठक में भारत ने कहा
(कुणाल दत्त)
पणजी, 20 जून (भाषा) भारत को “लोकतंत्र की जननी” और आध्यात्मिकता की प्राचीन भूमि बताते हुए केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को वैश्विक समुदाय से अधिक टिकाऊ, समावेशी और लचीला पर्यटन क्षेत्र बनाने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।
यहां जी20 पर्यटन कार्य समूह (टीडब्ल्यूजी) की चौथी बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद भारत में विदेशी पर्यटकों का आगमन बढ़ा है।
उन्होंने कहा, “भारत में 2023 में आने वाले यात्रियों की संख्या महामारी पूर्व स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है।”
रेड्डी ने भारत का “लोकतंत्र की जननी” और 50 से अधिक शक्ति पीठों के साथ प्राचीन सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिकता से समृद्ध भूमि के रूप में उल्लेख किया जहां नारी को देवी के रूप में पूजा जाता है।
भारत फिलहाल जी20 की अध्यक्षता कर रहा है और “लोकतंत्र की जननी” तथा “वसुधैव कुटुम्बकम” केंद्र सरकार द्वारा अपने पोस्टरों और उस पर संचार के अन्य दृश्य माध्यमों में उपयोग की जाने वाली प्रमुख पंक्तियों में से एक हैं।
उन्होंने कहा, “युगों से लोग आध्यात्मिकता और आत्म-खोज की यात्रा पर भारत आते रहे हैं। इस्कॉन, आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन, ईशा फाउंडेशन और ब्रह्मा कुमारियों जैसे बड़ी संख्या में आध्यात्मिक संगठनों के माध्यम से भारत के आध्यात्मिक अनुभव को दुनिया तक पहुंचाया जा रहा है।”
रेड्डी ने यह भी रेखांकित किया कि भारत सिख धर्म का जन्मस्थान है जो भाईचारे और समानता को बढ़ावा देता है, साथ ही अमृतसर में स्वर्ण मंदिर जैसे आध्यात्मिक केंद्र भी हैं।
उन्होंने कहा कि भारत जैन धर्म और बौद्ध धर्म का जन्मस्थान भी है और इसके केंद्र विश्व स्तर पर लोगों को उन सिद्धांतों के बारे में बताते हैं जिनका वे समर्थन करते हैं।
चौथी पर्यटन कार्य समूह बैठक और जी20 पर्यटन मंत्रिस्तरीय बैठक के अंत में, एक ‘गोवा रोडमैप और एक्शन प्लान’ और उसका समर्थन करने वाली एक मंत्रिस्तरीय विज्ञप्ति जारी की जाएगी।
रोडमैप और विज्ञप्ति 2030 के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के अनुरूप है।
उन्होंने कहा, “साथियों, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में अग्रणी संगठनों के बीच की खाई को पाटने और भविष्य में अधिक टिकाऊ, समावेशी और लचीला पर्यटन क्षेत्र बनाने के लिए मिलकर काम करें।”
पर्यटन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमारे कार्यकारी समूह की बैठक और मंत्रिस्तरीय बैठक के अंत में, हम सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए एक वाहन के रूप में पर्यटन के लिए गोवा रोडमैप और कार्य योजना की घोषणा करने जा रहे हैं।”
भारत के जी20 पर्यटन ट्रैक के तहत, टीडब्ल्यूजी पांच परस्पर जुड़े प्राथमिकता वाले क्षेत्रों – हरित पर्यटन, डिजिटलीकरण, कौशल, पर्यटन एमएसएमई और गंतव्य पर काम कर रहा है।
भाषा प्रशांत माधव
माधव

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