World Elephant Day 2023: आज 12 अगस्त का दिन है दुनियाभर के हाथियों को समर्पित, जाने इस दिन से जुड़ा पूरा इतिहास
World Elephant Day 2023
World Elephant Day 2023: पूरी दुनिया आज विश्व हाथी दिवस मना रहा है। भारत भी जहाँ के कई राज्यों में हाथी और मानव द्वन्द चरम पर है इस बीच हाथियों से जुड़े इस दिन को उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। खासकर वन्य मामलों और वन्यप्राणियों के संरक्षण से जुड़ी संस्थाए इस दिन अनेक तरह के आयोजन भी कर रही है। तो आइये जानते है कैसे हुई विश्व हाथी दिवस मनाये जाने की शुरुआत और कहाँ से मिली इसकी प्रेरणा।
दरअसल इस दिनों मनाने का मुख्य उद्देश्य हाथियों के संरक्षण, उनके गैर-कानूनी शिकार और उनके दाँतों के लिए होने वाली तस्करी को रोकने, उनके कम होते गलियारों के संरक्षण और हाथी-मानव के बीच होने वाले संघर्ष को कम करने के लिए जागरूकता प्रदान करना है। इसके अलावा इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य जंगली हाथियों की संख्या उनकी बेहतरी और प्रबंधन के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना भी है। आईयूसीएन की रेड लिस्ट में एशियन हाथी विलुप्त होती हुई प्रजाति के रूप में दर्ज है।
इस दिवस की शुरुआत कनाडा की फिल्म निर्माता पेक्ट्रीका सिम्स और केनाज वेस्ट पिक्चर्स के माइकल क्लार्क ने आधिकारिक रूप से 12 अगस्त, 2012 को किया था। वर्तमान में देश के 14 राज्यों में लगभग 65000 वर्ग किलोमीटर में हाथियों के 30 रिजर्व हैं और एशियाई हाथियों की वैश्विक आबादी का 60 प्रतिशत से अधिक भारत में है।
Status of elephants in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में हाथियों की स्थिति
World Elephant Day 2023: छत्तीसगढ़ में वन विभाग द्वारा मानव-हाथी द्वंद पर नियंत्रण के लिए जन-जागरुकता लाने सहित अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इनमें जंगली हाथियों के समूह के आगमन की पूर्व सूचना गांव में वायरलेस, मोबाइल तथा माइक आदि के माध्यम से मुनादी कर दी जा रही है। हाथी विचरण क्षेत्र और आसपास के ग्रामीणों को हाथियों के साथ साहचर्य बनाए रखने के लिए आवश्यक समझाईश भी दी जा रही है। साथ ही वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने जन-धन हानि से प्रभावित परिवारों को विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से मुआवजा के अलावा स्व-रोजगार आदि से जोड़कर उन्हें राहत पहुंचाने के लिए तत्परता से कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है।
इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध भोजन एवं पानी तथा हाथियों के रहवास के लिए अनुकूल होने के कारण हाथियों की संख्या में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। इसके परिणाम स्वरूप वनांचलों तथा हाथी प्रभावित क्षेत्रों में मानव-हाथी द्वंद की स्थिति निर्मित होती है। इसके नियंत्रण के लिए विभाग द्वारा जन, धन एवं फसल हानि के मुआवजा प्रकरणों पर कार्यवाही करने के साथ-साथ प्रभावित गांवों में हाथी मित्र दल का गठन, जन-जागरूकता कार्यक्रम तथा हाथियों के प्राकृतिक रहवास में सुधार जैसे अनेक कार्य तत्परतापूर्वक जारी है। साथ ही जन हानि की दशा में प्रभावित परिवार के लोगों को वन विभाग द्वारा स्व-रोजगार से जोड़ने आवश्यक पहल की जा रही है। उन्होंने बताया कि 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस के अवसर पर राज्य में जन-जागरूकता संबंधी विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

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