गलत अभियोजन: दिशा-निर्देश बनाने, लागू करने के अनुरोध को लेकर न्यायालय में याचिका

गलत अभियोजन: दिशा-निर्देश बनाने, लागू करने के अनुरोध को लेकर न्यायालय में याचिका

गलत अभियोजन: दिशा-निर्देश बनाने, लागू करने के अनुरोध को लेकर न्यायालय में याचिका
Modified Date: November 29, 2022 / 08:03 pm IST
Published Date: March 11, 2021 12:09 pm IST

नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दाखिल की गई है जिसमें सरकारी मशीनरी के माध्यम से ‘‘गलत तरीके से अभियोजन’’ के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए दिशा-निर्देश बनाने और लागू करने के लिए केन्द्र, सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने एक सनसनीखेज मामले की पृष्ठभूमि में जनहित याचिका दाखिल की है जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 28 जनवरी को बलात्कार के दोषी विष्णु तिवारी को निर्दोष घोषित किया था और कहा था कि प्राथमिकी का उद्देश्य भूमि विवाद से संबंधित था।

विष्णु को बलात्कार और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने के बाद 16 सितम्बर, 2000 को गिरफ्तार किया गया था और वह 20 वर्षों से जेल में था।

 ⁠

अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से दाखिल की गई याचिका में उच्चतम न्यायालय से ‘‘गलत अभियोजनों के पीड़ितों के मुआवजे के लिए दिशा-निर्देश बनाने के लिए अपने पूर्ण संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करने और केन्द्र और राज्यों को इन्हें लागू करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।’’

जनहित याचिका में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय, कानून एवं न्याय मंत्रालय और विधि आयोग को भी पक्षकार बनाया है।

भाषा

देवेंद्र नरेश

नरेश


लेखक के बारे में