युवाओं को नेताजी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए: उपराष्ट्रपति नायडू

युवाओं को नेताजी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए: उपराष्ट्रपति नायडू

युवाओं को नेताजी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए: उपराष्ट्रपति नायडू
Modified Date: November 29, 2022 / 08:01 pm IST
Published Date: January 23, 2021 11:03 am IST

नयी दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को युवाओं से अनुरोध किया कि वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा लें और समाज से गरीबी, अशिक्षा, सामाजिक व लैंगिक भेदभाव और भ्रष्टाचार जैसी बुराइयों को दूर करने के लिये काम करें।

भारत की 65 प्रतिशत आबादी के 35 साल से कम उम्र के होने का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि युवाओं को नए भारत- एक खुशहाल व समृद्ध भारत जहां सभी के लिये समान अवसर हों और जहां किसी तरह का भेदभाव न हो- के लिये आगे आकर नेतृत्व करना चाहिए।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, उपराष्ट्रपति ने कहा कि “पराक्रम” या साहस नेताजी के व्यक्तित्व की सबसे अहम खासियत थी। उन्होंने बोस की जयंती को “पराक्रम दिवस” के तौर पर मनाने के सरकार के फैसले की भी सराहना की।

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नायडू हैदराबाद में तेलंगाना सरकार के एमसीआर मानव संसाधन विकास संस्थान में बुनियादी (फाउंडेशन) पाठ्यक्रम में शामिल प्रशिक्षु अधिकारियों को बोस की जयंती पर संबोधित कर रहे थे।

बोस और कुछ अन्य स्वतंत्रता सेनानियों व विभिन्न क्षेत्रों के गुमनाम नायकों तथा समाज सुधारकों द्वारा अदा की गई उल्लेखनीय भूमिका के संदर्भ में उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों को उनकी महानता के बारे में नहीं पता क्योंकि उनके योगदान का इतिहास की किताबों में समुचित उल्लेख नहीं है।

उन्होंने कहा, “हमें अपने कई महान नेताओं की जयंती का जश्न मनाना चाहिए। हमें औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आना होगा।”

स्वतंत्रता आंदोलन को लेकर अलग-अलग नेताओं के अलग रुख के बारे में उपराष्ट्रपति ने कहा कि अंतिम लक्ष्य देश को औपनिवेशिक शासन से आजाद कराना था।

नेताजी की देश से जाति व्यवस्था को खत्म करने की इच्छा का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि 1940 के दशक में भी सभी जाति, संप्रदाय और धर्म के सैनिक साथ रहते थे, साझा चूल्हे से खाना खाते थे और भारतीय के तौर पर लड़ते थे।

उन्होंने कहा कि बोस ने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि भारत की प्रगति समाज के दबे-कुचले और वंचित वर्ग के उत्थान से ही संभव होगी।

उपराष्ट्रपति ने याद किया कि कैसे नेताजी महिलाओं को जीवन के हर क्षेत्र में समान अवसर देने के पक्षधर थे फिर चाहे वह सामाजिक क्षेत्र हो, आर्थिक या राजनीतिक।

उन्होंने कहा, “नेताजी के विचारों की प्रगतिशीलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने आईएनए में रानी झांसी रेजिमेंट के नाम से महिला कोर बनाई।” नायडू ने केद्र सरकार द्वारा महिलाओं को सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशन दिये जाने के फैसले की भी सराहना की।

भाषा

प्रशांत उमा

उमा


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