जुबीन गर्ग की मौत ने 2025 में असम के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य को झकझोरा

जुबीन गर्ग की मौत ने 2025 में असम के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य को झकझोरा

जुबीन गर्ग की मौत ने 2025 में असम के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य को झकझोरा
Modified Date: December 26, 2025 / 11:13 am IST
Published Date: December 26, 2025 11:13 am IST

(दुर्बा घोष)

गुवाहाटी, 26 दिसंबर (भाषा) असम के सांस्कृतिक प्रतीक जुबीन गर्ग की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत 2025 में राज्य की बड़ी घटना थी जिसने बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक घटनाक्रमों को भी पीछे छोड़ते हुए अभूतपूर्व जनाक्रोश को जन्म दिया, जिसकी गूंज सत्ता के गलियारों तक सुनाई दी।

यह वर्ष 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले तेज राजनीतिक खींचतान, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े आरोपों, घुसपैठ के खिलाफ अभियानों और बहुविवाह पर प्रतिबंध संबंधी विधेयक के पारित होने के लिए भी उल्लेखनीय रहा। इसी दौरान असम के एक और महान सपूत भूपेन हजारिका की जन्मशती समारोहों की शुरुआत की गई।

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उत्तर-पूर्व भारत महोत्सव में भाग लेने के लिए सिंगापुर गए जुबीन गर्ग की 19 सितंबर को समुद्र में तैराकी के दौरान मौत हो गई। इस अप्रत्याशित खबर से असम स्तब्ध रह गया और परिस्थितियों ने व्यापक संदेह को जन्म दिया। सिंगापुर से उनके पार्थिव शरीर के वापस आने पर लाखों लोग सड़कों पर उमड़ पड़े। तीन दिनों तक उनका शव एक स्टेडियम में रखा गया, जहां लोगों ने अंतिम श्रद्धांजलि दी, और फिर शोक व आक्रोश के बीच उनका अंतिम संस्कार हुआ।

जल्द ही जनभावना न्याय की मांग में बड़े प्रदर्शनों में बदल गई। उत्तर-पूर्व भारत महोत्सव के निदेशक श्यामकानु महंता, गर्ग के प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा और सिंगापुर में उनके साथ मौजूद अन्य लोगों की गिरफ्तारी की मांग तेज हुई। बढ़ते दबाव में राज्य सरकार ने सीआईडी का विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया, 12 दिसंबर को एसआईटी ने महंता, शर्मा और गर्ग के बैंड के सदस्यों शेखरज्योति गोस्वामी तथा अमृतप्रभा महंता के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।

गर्ग के चचेरे भाई और असम पुलिस अधिकारी संदिपन गर्ग पर गैर-इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया, जबकि उनके दो निजी सुरक्षा कर्मियों नंदेश्वर बोरा और परेश बैश्य पर आपराधिक साजिश और विश्वासघात के आरोप लगे। मामला जल्द ही राजनीतिक रंग ले बैठा। गर्ग को न्याय दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर चले अभियान ने राज्य में रिकॉर्ड सहभागिता दर्ज की। मुकदमे की सुनवाई शुरू हो चुकी है और सरकार ने मामले को तेज़ी से निपटाने तथा विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करने का भरोसा दिया है।

उथल-पुथल के बीच, गर्ग की अंतिम फिल्म ‘रोई रोई बिनाले’ 31 अक्टूबर को रिलीज हुई और यह अब तक की सबसे अधिक कमाई करने वाली असमिया फिल्म बनी।

सांस्कृतिक क्षेत्र में भूपेन हजारिका की जन्मशती के सालभर चलने वाले समारोहों की शुरुआत 13 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की। देशभर में कार्यक्रम तय हैं और समापन समारोह में अगले वर्ष राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शामिल होने की संभावना है।

राजनीतिक मोर्चे पर मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई और ब्रिटिश मूल की उनकी पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न पर पाकिस्तान की आईएसआई से संबंधों के आरोप लगाकर विवाद खड़ा किया। एक एसआईटी ने कथित संबंधों की जांच कर 10 सितंबर को रिपोर्ट सौंपी। शर्मा ने “देश की संप्रभुता को कमजोर करने की साजिश” की बात कही, जबकि गोगोई ने आरोपों को खारिज करते हुए इसे “सी-ग्रेड बॉलीवुड फिल्म” करार दिया। विपक्ष ने आरोपों को चुनाव-प्रेरित बताया और आठ दलों ने मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा की।

पूरे वर्ष मुख्यमंत्री ने घुसपैठ के मुद्दे पर आक्रामक अभियान चलाया, कथित अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई की और कल्याणकारी योजनाओं के साथ सरकारी नौकरियों के सृजन का दावा किया। चुनावी तौर पर, भाजपा-नीत गठबंधन ने पंचायत चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया, हालांकि बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल चुनावों में उसे सत्ता गंवानी पड़ी।

भाषा मनीषा शोभना

शोभना


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