Diwali 2022: हर साल की तरह ही इस बार भी दिवाली कार्तिक मास की पूर्णिमा को भारत समेत पूरी दुनिया में मनाई जाएगी। दिवाली हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है। दिवाली के शुभ दिन पर धन की प्राप्ति के लिए लोग मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। लेकिन अधिकांश लोग इस बात को नहीं जानते कि माता लक्ष्मी के भाई कौन हैं। जिनके बिना हर पूजा अधूरी मानी जाती है। हिंदू धर्म के मान्यता के अनुसार, शंख को माता लक्ष्मी का भाई माना जाता है। इस वजह से हमेशा धन की देवी मां लक्ष्मी के हाथों में शंख दिखाई पड़ता है। जिस प्रकार माता लक्ष्मी की कृपा के बिना धन की प्राप्ति नहीं होती। ठीक उसी प्रकार शंख के बिना भी आध्यत्मिक शक्ति की प्राप्ति नहीं होती।
हिंदू मान्यता के अनुसार शंख की उत्पत्ति माता लक्ष्मी की तरह समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से हुई थी। समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से 14 रत्न निकले थे, जिनमें से शंख भी एक है। इसी कारण धन की देवी माता लक्ष्मी और दक्षिणावर्ती शंख को भाई-बहन माना जाता है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, दक्षिणावर्ती शंख को माता लक्ष्मी का छोटा भाई कहा जाता है। माना जाता है कि शंख में देवी-देवताओं का वास होता है। शंख को समृद्धि, सुख, विजय, यश, शांति और कीर्ति का प्रतीक माना जाता है।
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आपने भी अधिकतर लोगों के घर में शंख रखा हुआ देखा होगा। माना जाता है कि शंख की आवाज से आरोग्य होने का आशीर्वाद मिलता है। हर दिन शंख बजाने से सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है। शंख की आवाज घर में सुख-शांति और खुशहाली लाता है।
धनतेरस या दिवाली के दिन आप शंख को अपने घर में ला सकते हैं। शंख कई प्रकार के होते हैं, लेकिन इनमें दक्षिणावर्ती शंख को सबसे अच्छा माना गया है। हालांकि आप अपने घर वामवर्ती शंख, गौमुखी शंख, गणेश शंख, मोती शंख, कौरी शंख और हीरा शंख भी ला सकते हैं। हालांकि नवरात्रि और शिवरात्रि को घर भी आप अपने घर शंख ला सकते हैं।
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