छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगे चंदखुरी को माता कौशल्या की जन्मभूमि माना जाता है। इस लिहाज से चंदखुरी भगवान राम का ननिहाल के रूप में प्रसिद्ध है।
भगवान राम ने अपने बाल्यपन का काफी समय भी अपने ननिहाल में बिताया है। वहीं वनवास के 14 वर्ष में से लगभग 10 वर्ष की अवधि वे छत्तीसगढ़ के अलग-अलग स्थानों पर रहे हैं।
विश्व में एकमात्र माता कौशल्या के मंदिर का जीर्णोद्धार व आकर्षक सौंदर्यीकरण कराया गया है। दूसरे स्थल के रूप में माता शबरी की नगरी शिवरीनारायण को भी विकसित किया जा चुका है।
माता कौशल्या मंदिर प्रांगण को 31 हजार दीयों से रोशन किया गया। दीयों की सजावट से ही ‘जय सिया राम’ उकेरा गया।
दीप दान से पूर्व राजीव युवा मितान क्लब के सदस्यों ने पहले माता कौशल्या धाम चंदखुरी में मंदिर परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया। फिर रंगोली व फूलों से परिसर को सजाया।
दीप दान के पश्चात रंग-बिरंगे पटाखों से आतिशबाजी कर चंदखुरी के आसमान को जगमग किया गया।
माता कौशल्या का मायका और भगवान राम के ननिहाल चंदखुरी धाम को आज दीपावली की पूर्व संध्या व रूप चौदस के मौके पर 31 हजार दीयों से रोशन किया गया।
दीयों की सजावट से ही ‘जय सिया राम’ उकेरा गया। इस दौरान विधायक देवेन्द्र यादव विशेष रूप से मौजूद रहे।
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