Ek Diya Ram Ke Naam: CM साय ने IBC24 से की खास बातचीत, बताया- रामायण सिखाती है, कैसे निभाएं रिश्ते और कैसे निभाएं राजधर्म..
CM Vishnudev Sai EXCLUSIVE interview: सीएम साय ने IBC24 के साथ की खास बातचीत, बताया रामायण सिखाती है कैसे रिश्ते निभाएं, कैसे राजधर्म निभाएं
CM Vishnudev Sai EXCLUSIVE interview
Ek Diya Ram Ke Naam: रायपुर। श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में लेकिन राम मय हो रहा है पूरा भारत। रामभक्तों का 22 जनवरी को 500 साल का इंतजार खत्म होने वाला है। बता दें कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। जिसको लेकर प्रभु श्री राम के ननिहाल यानी छत्तीसगढ में भी गजब का उत्साह देखा जा रहा है। पूरा प्रदेश राममय हो गया है। इसी कड़ी में आज सीएम विष्णुदेव साय ने आईबीसी 24 से खास बातचीत की।
प्रभु श्री राम के आदर्श भाव
आपको बता दें कि इस खास मौके पर आज आईबीसी 24 के एसोसिएट कार्यकारी संपादक बरुण सखाजी ने सीएम साय का EXCLUSIVE बातचीत की। सीएम साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर क्या प्लान है। सीएम साय ने इसके साथ ही प्रभु राम के आदर्श के बारे में बातचीत की। सीएम साय ने बताया कि भगवान राम का छत्तीसगढ़ का बहुत ही गहरा लगाव है। राम सबके हैं, सब राम के हैं। मेर राम से पुराना नाता है, मेरे तो पिता का नाम तक रामप्रसाद है। हमारे घर में बचपन से राम की सीखें बताई गई। रामायण हमंे जीवन दर्शन सिखाती है।
प्रभु श्री राम का जनजाति समाज से गहरा नाता
Ek Diya Ram Ke Naam: इसके साथ ही सीएम साय ने खास बातचीत में रामायण के बारे में बताया कि रामायण सिखाती है कैसे रिश्ते निभाएं, कैसे राजधर्म निभाएं। राम का जनजाति समाज से गहरा नाता है। जनजाति समाज ने राम के सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। नवधा भक्ति की सीख दुनिया को माता शबरी के माध्यम से मिली। जनजाति समाज अतिथि देवो भव को मानता है। राम के रहने, खाने और वन में सुरक्षा का जिम्मा जनजाति समाज ने संभाला। किसी का निमंत्रण ठुकराना ठीक नहीं है। यह विनाशकाले विपरीत बुद्धि हैं।
छत्तीसगढ़ में राम कॉरिडोर
आईबीसी 24 के इस खास बातचीत में सीएम साय ने अयोध्या में सनातनियों के कार्यक्रम के बारे में भी बताया, उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनावी हिंदू बन जाती है, बाकी समय हिंदुओं की उपेक्षा करती है।
अयोध्या में सनातनियों का कार्यक्रम है, सबका कार्यक्रम है। राम वनगमन की स्मृतियों को संवारेंगे। हम छत्तीसगढ़ में राम कॉरिडोर बनाएं।
यह सुधि कोल किरातन्ह पाई, हरषे जनु नव निधि घर आई।। कंद मूल फल भरि-भरि दोना, चले रंक जनु लूटत सोना।।
Ek Diya Ram Ke Naam: वनवास में राम जी के लिए भोजन, निवास की व्यवस्था। उनकी वून क्षेत्र में सुरक्षा, सुविधा की व्यवस्था जनजातिय समाज ने की। जनजातिय समाज के महत्व को इससे भी और बेहतर समझा जा सकता है, कि राम के दर्शन और सेवा के लिए देवताओं को भी जानजातिय देह धारण करना पड़ी। जैसा कि राम चरित मानस में उल्लेख है।
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— IBC24 News (@IBC24News) January 18, 2024

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