फिल्म निर्माता करण जौहर का बड़ा बयान, झुंड में चलने की मानसिकता का शिकार हो जाता है हिंदी सिनेमा |

फिल्म निर्माता करण जौहर का बड़ा बयान, झुंड में चलने की मानसिकता का शिकार हो जाता है हिंदी सिनेमा

हिंदी सिनेमा कई बार झुंड में चलने की मानसिकता का शिकार हो जाता है : करण जौहर Hindi cinema at times becomes a victim of the mindset of walking in a herd: Karan Johar

Edited By :   Modified Date:  December 4, 2022 / 04:19 AM IST, Published Date : December 4, 2022/4:19 am IST

मुंबई, 26 मार्च । मशहूर फिल्म निर्माता करण जौहर ने शनिवार को कहा कि हिंदी सिनेमा कभी-कभी झुंड में चलने की मानसिकता का शिकार हो जाता है, जहां फिल्म निर्माता कुछ नया करने के बजाय लोकप्रिय चलन वाली चीजों के पीछे भागने लगते हैं। जौहर ‘भारत के विचार’ सम्मेलन में बोल रहे थे, जहां उन्होंने दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग के उदय और बॉलीवुड के लिए सीख पर चर्चा की।

जौहर (49) ने फिल्म आलोचक मयंक शेखर से बातचीत में कहा, ‘‘मैं अपने आप को भी उसी श्रेणी में रख रहा हूं जब मैं कहता हूं कि हिंदी सिनेमा, मुझे लगता है कि कई बार हम झुंड में चलने की मानसिकता का शिकार हो जाते हैं।’’

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उन्होंने उदाहरण दिए कि कैसे ऐसी कहानियों की बाढ़ आ गयी है जो या तो बायोपिक हैं या छोटे शहरों की कहानियां हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने भी ऐसा ही किया है। मैंने कई रास्ते नहीं बनाए। मैंने चलन का पीछा ही किया है। हिंदी सिनेमा में यही होता है। हम कई बार अपने विश्वास पर अड़े रहने का साहस खो देते हैं।’’

जौहर ने कहा कि दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग पिछले कुछ वर्षों से फिल्में बनाने के अलग रास्ते पर चल रहा है। वह देशभर में रिलीज हुई एसएस राजमौली की फिल्म ‘‘आरआरआर’’ की बॉक्स ऑफिस की कमायी से खासे प्रभावित नजर आए। उन्होंने राजमौली को ‘‘सबसे बड़ा भारतीय फिल्म निर्माता’’ बताया।

अल्लू अर्जुन अभिनीत फिल्म ‘पुष्पा’ के पीछे की दीवानगी और हिंदी भाषी पट्टी में इसकी भारी सफलता पर जौहर ने कहा कि लोग आज फिल्म के तेलुगु गीतों को सुन रहे हैं और उस पर नाच रहे हैं।

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उनका मानना है कि दक्षिण फिल्मों के लिए उत्साह के पीछे की मुख्य वजह डिजीटल विस्फोट है। उन्होंने कहा, ‘‘हिंदी फिल्म उद्योग दक्षिण के फिल्म उद्योग से प्रेरित हो रहा है, हॉलीवुड में जो हो रहा है और डिजीटल रूप से जो हो रहा है, उससे प्रेरित हो रहा है।’’

फिल्म निर्देशक ने कहा कि दक्षिण फिल्म उद्योग ने अपनी सामग्री और फिल्मों को दिखाने के अपने तरीके के कारण अपना करिश्मा कायम किया है।

स्टार बनने और सुपरस्टार के बारे में जौहर का मानना है कि खासतौर से हिंदी सिनेमा में ‘‘यह कलाकार का एक दौर है और अब हम सुपरस्टार के दौर में नहीं जी रहे हैं।’’

इस बीच, यह पूछने पर कि वह सोशल मीडिया पर बॉलीवुड से नफरत करो, बॉलीवुड पर प्रतिबंध लगाओ और उन्हें इंगित करते हुए कुछ हैशटैग्स के साथ बॉलीवुड की आलोचना को कैसे देखते हैं, तो इस पर जौहर ने कहा कि वह शुरुआत में इससे प्रभावित हुए लेकिन बाद में लोगों के एक बड़े वर्ग से मिले प्यार और समर्थन पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा, ‘‘भावनात्मक रूप से दो साल पहले यह मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत कठिन समय था।’’