मनोज वर्मा की ‘भूलन द मेज’ को बेस्ट छत्तीसगढ़ी फिल्म का अवॉर्ड, जानिए क्या है इस मूवी की खासियत, जिससे मिली राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति

मनोज वर्मा की ‘भूलन द मेज’ को बेस्ट छत्तीसगढ़ी फिल्म का अवॉर्ड, जानिए क्या है इस मूवी की खासियत, जिससे मिली राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति

मनोज वर्मा की ‘भूलन द मेज’ को बेस्ट छत्तीसगढ़ी फिल्म का अवॉर्ड, जानिए क्या है इस मूवी की खासियत, जिससे मिली राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति
Modified Date: December 4, 2022 / 12:10 am IST
Published Date: December 4, 2022 12:10 am IST

रायपुर। आज 67 वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स की घोषणा की गई। जिसमें मनोज वर्मा की ‘भूलन द मेज’ को बेस्ट छत्तीसगढ़ी फिल्म का अवॉर्ड मिला। पहली बार छत्तीसगढ़ की फिल्म नॉमिनेट हुई थी और उसे अवॉर्ड भी मिला। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी फिल्म को अवॉर्ड मिलने पर शुभकामनाएं और बधाई दी है।

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67 वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में ‘भूलन द मेज’ को बेस्ट छत्तीसगढ़ी फिल्म का अवॉर्ड मिला। पहली बार छत्तीसगढ़ की फिल्म नॉमिनेट हुई थी और उसे अवॉर्ड भी मिला। छत्तीसगढ़ के फिल्मकार मनोज वर्मा इसके निर्माता हैं और उन्होंने ही इसका निर्देशन भी किया है। हालांकि ये ऑफ ट्रैक मूवी अब तक रिलीज नहीं की जा सकी है। ये फिल्म विख्यात साहित्यकार पदुमलाल-पुन्नालाल बख्शी के बेटे संजीव बख्शी के साहित्यिक उपन्यास ‘भूलन कांदा’ पर आधारित है।

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‘भूलन द मेज’ को कोलकाता में आयोजित नेज अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में ‘शोकेस वर्ल्ड सिनेमा’ अवॉर्ड भी मिल चुका है। ये फिल्म मुख्यधारा की न होकर ऑफ ट्रेक मूवी है, जो शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की सामाजिक और न्याय व्यवस्था के अंतर पर आधारित है। छत्तीसगढ़ में एक पौधा ‘भूलन कांदा’ पाया जाता है। जिस पर यदि किसी व्यक्ति का पैर पड़ जाए तो वह रास्ता भटक जाता है। वह तब तक भटकता रहता है जब तक कोई उसे छूकर जगा न दे।

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फिल्म में संदेश दिया गया है कि क्या हमारी न्याय व्यवस्था का पैर भी भूलन कांदा पर पड़ गया है और क्या उसे छूकर जगाने की जरूरत है? फिल्म की शूटिंग गरियाबंद से 30 किलो मीटर दूर भुजिया गांव में हुई थी। जिसमें ओंकारदास मानिकपुरी, मुंबई की अनिमा पगारे, मुकेश तिवारी, राजेन्द्र गुप्ता ने मुख्य भूमिका निभाई है। फिल्म में गीत मीर अली मीर और संगीत सुनील सोनी का है। जबकि टाइटल सांग की म्यूजिक कैलाश खेर ने दी है। इस फिल्म को आस्कर में भेजे जाने की मांग भी देश के कई नामचीन फिल्मकारों ने की थी। ‘भूलन द मेज’ की तुलना शैलेंद्र के लिखे और बनाई मशहूर फिल्म ‘तीसरी कसम’ से भी की जाती है। इस फिल्म को सम्मान छत्तीसगढ़ का भी सम्मान है।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com