Param Sundari Review: परम सुंदरी फिल्म नहीं आई दर्शकों को रास! निर्देशक तुषार जलोटा को सुनाई जमकर खरी-खोटी, पढ़िए मूवी रिव्यू
Param Sundari Review- सिद्धार्थ मल्होत्रा और जाह्नवी कपूर की फिल्म परम सुंदरी का फैंस लंबे वक्त से इंतज़ार कर रहे थे हुई आखिरकार रिलीज, पहले दिन कमाए 7 करोड़ लेकिन अगले दिन से कम हुई भीड़..
Param Sundari Review. Image Source- Maddock Films Youtube Thumbnail
- परम सुंदरी हुई 29 अगस्त को सिनेमाघरों रिलीज
- पहली बार परदे पर सिद्धार्थ मल्होत्रा और जाह्नवी कपूर एक साथ
Param Sundari Review: जाह्नवी कपूर और सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म ‘परम सुंदरी‘ इस महीने 29 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। इस फिल्म का निर्देशन तुषार जलोटा ने किया है। पहले इस फिल्म की तुलना चेन्नई एक्सप्रेस से की जा रही थी, क्योंकि इसमें भी शाहरुख और दीपिका की फिल्म की तरह साउथ की लड़की और नॉर्थ के लड़के की प्रेम कहानी दिखाई गई है।
इस फिल्म की कहानी की तुलना दर्शक चेन्नई एक्सप्रेस मूवी से भले ही कर सकते हैं, लेकिन इस फिल्म को देखने से पता चलता है कि किरदारों को पेश बेहतर तरीके से किया जा सकता था। फिल्म को देखकर ऐसा लगता है कि कई कमियां है। इसके साथ ही कॉमेडी भी दर्शकों को कुछ खास मजेदार नहीं लगी। हालांकि दर्शकों ने इससे काफी उम्मीदें बांध रखी थी।
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Param Sundari Review: कास्ट और क्रू
| कलाकार – | जाह्नवी कपूर, सिद्धार्थ मल्होत्रा |
| लेखक – | गौरव मिश्रा, अर्श वोरा और तुषार जलोटा |
| निर्देशक – | तुषार जलोटा |
| निर्माता – | दिनेश विजन |
परम सुंदरी की कहानी
कहानी बिल्कुल बॉलीवुड की पुरानी फिल्मों के जैसी ही है, जिसमें एक दिल्ली का रहने वाला अमीर घर का लड़का परम ‘सिद्धार्थ मल्होत्रा’ अपने पिता ‘संजय कपूर’ से मदद मांगता है। वो एक डेटिंग एप लॉन्च करना चाहता है, जिस पर उसके पिता उसको एक महीने के समय के साथ चुनौती देते हैं कि वो इसे एक यह अच्छा आइडिया है, तभी वह इसमें कुछ इन्वेस्ट करेंगे। इसी चुनौती को पूरा करने की उम्मीद लिए परम केरल पहुंच जाता है और वहां सुंदरी ‘जाह्नवी कपूर’ से मिलता है और प्यार का नाटक करता है, लेकिन फिर कुछ ऐसा होता है कि प्यार सच्चा हो जाता है और हालात काफी बदल और बिगड़ जाते हैं। इसके आगे की कहानी पूरी खीचीं हुई सी लगती है जिससे देखने वाले भी बिल्कुल कनेक्ट नहीं कर पाए। देखा जाए तो फिल्म में कुछ भी नया नहीं है। हालांकि फिल्म का पहला हाफ ठीक है, लेकिन बाकी पूरी फिल्म वही बोरिंग हमेशा जैसी कहानी लगती है। फिल्म के सीन्स की लोकेशन बहुत सुंदर है। अगर डायरेक्शन और एक्टिंग भी अच्छी होती तो फिल्म जरूर कमाल कर सकती थी।
निर्देशन में कुछ खास नहीं कर पाए तुषार
इस फिल्म का निर्देशन तुषार जलोटा ने किया है। फिल्म में साउथ और नॉर्थ का कॉम्बिनेशन अच्छा दिखाया जा सकता था, लेकिन तुषार के निर्देशन से ऑडियंस बिल्कुल भी फिल्म से कनेक्ट नहीं हो पाए। कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोग कह रहे हैं कि फिल्म में देखने लायक कुछ भी खास नहीं लगा। न कहानी, न एक्टिंग, न कॉमेडी। साउथ को अलग दिखाने के चक्कर में साउथ के कल्चर का मज़ाक बना दिया है। कई लोग तो यह भी कह रहे हैं कि फिल्म में ऐसा भी बताया गया है कि जो लोग का स्किन कलर डार्क होता है वो साउथ से होते हैं। और तो और केरल के गांव में जिम वियर अलाउड नहीं है। तुषार ने भले ये सब फनी कंटेन्ट समझ के फिल्म में डाला हो लेकिन ऑडियंस को ये सब जरा भी फनी नहीं लगा। निर्देशन से ही कोई भी फिल्म अच्छी या खराब की जा सकती है। लेकिन इस फिल्म में तुषार जलोटा निर्देशन में कुछ खास कमाल नहीं कर पाए।
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जानिए कैसी है फिल्म की संगीत
इसके साथ ही अगर फिल्म के गानों की बात करें तो ‘परदेसिया’ सुपर हिट सॉन्ग बन चुका है और यूट्यूब पे अभी से 56 मिलियन व्यूज पार कर चुका है। ये गाना दर्शकों को बेहद पसंद आ रहा है। अगर इस फिल्म में किसी की तारीफ कर सकते हैं तो वो इस फिल्म के बस गाने ही हैं।

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