Crazxy Movie | Source : sohumshahfilms instagram
नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्टर सोहम शाह की ‘तुम्बाड़’ मूवी दोबारा रिलीज होते ही धमाल मचा दिया था। अब सोहम शाह की नई फिल्म ‘क्रेजी’ ने सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है। इस मूवी में सोहम शाह ने एक डॉक्टर का किरदार निभाया है। जिसमें इनका नाम अभिमन्यु सूद होता है। अपनी ड्रग्स की लत और लापरवाही के चलते अभिमन्यु एक बड़ी मुश्किल में फंसा हुआ है, जिसके लिए उसे 5 करोड़ रुपये चुकाने होंगे। फिल्म में हमें एक सर्जन के जीवन में घटने वाले एक दिन की कहानी बताई जाती है।
सोहम की फिल्म ‘क्रेजी’ की कहानी थोड़ी अलग सी है। ‘गोली मार भेजे में’ वाले दौर के सिनेमा में ‘अभिमन्यु चक्रव्यूह में फंस गया है तू’ दौर के सिनेमा का छौंक मारकर कहानी कुछ यूं सामने आती है कि अपने पेशे की चुनौतियों से जूझ रहे एक डॉक्टर को उसकी बेटी का अपहरण हो जाने का फोन आता है। मामला पांच करोड़ रुपये पर आकर अटकता है। पैसे हैं उसके पास। लेकिन, झटका ये है कि बाप अपनी बेटी को चाहता ही नहीं है। वजह जो है वह इस हीरो की इज्जत काटकर चार इंच छोटी कर देती है।
मामला ऊंट की पीठ से बने स्पीडब्रेकर पर कार के उछलने के समय ड्राइवर का सिर छत में टकराने वाली रफ्तार से आगे बढ़ता है। भावनाओं में दर्शक बहने भी लगते हैं। कार और कलाकार एक होते हैं, उसकी जिंदगी के हमसफर आवाजें बनकर माहौल बनाते हैं। शिल्पा शुक्ला और टीनू आनंद तो खैर काबिल कलाकार हैं ही, नजर आपको निषिषा सजायन पर रखनी होगी, जिनकी वेब सीरीज ‘डब्बा कार्टेल’ भी इसी शुक्रवार को रिलीज हुई है।
इस फिल्म में एक ही एक्टर हैं सोहम शाह, और उन्होने इतना कमाल का काम किया है कि उसे बयां नहीं किया जा सकता है। वो हर फ्रेम में छाए हुए हैं। अपनी बेटी के लिए इमोशन दिखाना हो, अपनी एक्स वाइफ से बात करना हो, किडनैपर से बात करना हो, अपनी गर्लफ्रेंड से बात करना हो, सर्जरी के लिए जूनियर डॉक्टर को बताना हो, हर एक सीन में वो कमाल कर जाते हैं। डेढ़ घंटे तक दर्शकों को बांधे रखना, बिना सिक्स पैक दिखाए, बिना शर्ट उतारे, ये अपने आप में कमाल है और ये कमाल सोहम शाह बड़े कायदे से कर गए हैं। तुम्माड के बाद ये उनका एक और कमाल का परफॉर्मेंस है। कई एक्टर्स को उनसे सीखना चाहिए कि एक्टिंग की कैसे जाती है।
गिरीश कोहली ने फिल्म को लिखा भी है और डायरेक्ट भी किया है, वो मॉम, हिट द फर्स्ट केस और केसरी जैसी फिल्में लिख चुके हैं, यानि बाप राइटर हैं। आजकल एक डायलॉग बड़ा वायरल भी है कि राइटर बाप होता है, यहां राइटिंग कमाल है, और डायरेक्शन जबरदस्त, उन्हें पता था फिल्म में एक ही कैरेक्टर है तो उन्होंने फिल्म को छोटा रखा। बिल्ड अप उतना रखा जितना जरूरी था, और इतना तो वाकई जरूरी था। उनकी राइटिंग और डायरेक्शन से बाकी लोगों को सीखना चाहिए कि अच्छी फिल्म कैसे बनाई जा सकती है।