26 सितंबर से शुरु हो रहा है शारदीय नवरात्र, हाथी पर सवार होकर आएगी मां दुर्गा, भक्तों पर करेंगी विशेष कृपा

26 सितंबर से शुरु हो रहा है शारदीय नवरात्र, हाथी पर सवार होकर आएगी मां दुर्गा! Shardiya Navratri start from 26 September 2022

26 सितंबर से शुरु हो रहा है शारदीय नवरात्र, हाथी पर सवार होकर आएगी मां दुर्गा, भक्तों पर करेंगी विशेष कृपा
Modified Date: November 29, 2022 / 12:59 pm IST
Published Date: September 13, 2022 2:55 pm IST

नईदिल्ली। Shardiya Navratri कोरोना काल के बाद इस बार 26 सितंबर से शारदीय नवरात्र का पर्व शुरु हो रहा है, जो 4 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। नवरात्र के पर्व में नवदिन देवियों की पूजा की जाती है। इस बार मां दुर्गा ब्रह्म योग में सुख समृद्धि लेकर हाथी पर सवार होकर आएंगी।

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Shardiya Navratri आपको बता दें कि पिछले दो साल से कोरोना की वजह से नवरात्र देश के सभी मंदिरों को बंद कर दिया गया था। जिसके बाद इस साल नवरात्र के पर्व को लेकर भक्तों में उत्साह देखने को मिल रहा है। माता के मंदिरो में कोरोना पाबंदियो से मुक्त पर्व की तैयारी जोरो से चल रही है। माता के मंदिरों में रोजाना मां का अलग अलग श्रृंगार किया जाएगा। साथ ही बड़े पैमाने पर गरबा का आयोजन भी किया जाएगा।

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ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार 25 सितंबर से श्ुरु होने वाले नवरात्रि का पव 4 अक्टूबर तक मनाया जाएका। 25 सितंबर को दोपहर 3ः23 बजे से 26 सितंबर की दोपहर 3.08 बजे तक प्रतिपदा तिथि रहेगी। वहीं सोमवार को माता का आगमन होगा, जो पूरे नव दिनों तक विराजमान रहेंगी। यदि रविवार और सोमवार को मां का आगमन होता है तो वो हाथी पर माना जाता है।

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हाथी को माना जाता है समृद्धि का प्रतीक

ऐसा कहा जाता है कि अगर माता रानी हाथी पर सवार होकर आती है तो साधक के लिए काफी लाभकारी और कल्याण करने वाला होता है। ऐसे में भक्तों पर माता की विशेष कृपा होती है।

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मानव सवार होकर आते हैं तो माना जाता है अशुभ का संकेत

ज्योतिषी के अनुसार माता यदि घोड़ा, भैंस, डोली और मानव सवार होकर आते हैं तो अशुभ का संकेत माना जाता है।

आपको बता दें कि कोरोना काल के बाद अब मंदिरों में पूरी तरह से पाबंदियों को हटा दिया गया है। जिसके बाद माता के मंदिरों में नवरात्रि के पर्व को लेकर काफी जोरो से तैयारी की जा रही है। इस दौरान पूरे नव दिनों तक मां कां रोजना अलग अलग प्रकार से नया श्रृंगार और पूजन किया जाएगा।

 


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