Actor Amit Sadh Birthday : सिर्फ जिंदा रहने के लिए छोड़ा था अपना घर, बर्तन मांजे और चौकीदारी की, ऐसा था अमित साध का संघर्ष

Actor Amit Sadh Birthday : सिर्फ जिंदा रहने के लिए छोड़ा था अपना घर, बर्तन मांजे और चौकीदारी की, ऐसा था अमित साध का संघर्ष

Actor Amit Sadh Birthday : सिर्फ जिंदा रहने के लिए छोड़ा था अपना घर, बर्तन मांजे और चौकीदारी की, ऐसा था अमित साध का संघर्ष
Modified Date: June 5, 2023 / 10:19 am IST
Published Date: June 5, 2023 10:19 am IST

Actor Amit Sadh Birthday अमित साध अपने बहुमुखी प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध है। ब्रीद में इंस्पेक्टर कबीर सावंत की भूमिका निभाने के लिए जाने जाने वाले अभिनेता आज 5 जून को दो साल के हो गए हैं। अमित साध ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत टेलीविजन उद्योग में काम करके की थी। उन्होंने टीन ड्रामा से प्रसिद्धि पाईक्यों होता है प्यारजो स्टार प्लस पर प्रसारित होता था। तब अभिनेता ने हिंदी फिल्म उद्योग में अपनी पहचान बनाने की कोशिश की। वह अपने शिल्प में महारत हासिल करने के लिए न्यूयॉर्क में द ली स्ट्रैसबर्ग थिएटर एंड फिल्म इंस्टीट्यूट में शामिल हुए।

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Actor Amit Sadh Birthday उनकी वापसी पर, साध को एक भूमिका की पेशकश की गई थी। काई पो चे, जहां उन्होंने तीन मुख्य पात्रों में से एक ओंकार शास्त्री की भूमिका निभाई। तब से, अभिनेता ने कई फिल्मों में अभिनय किया है और ओटीटी की दुनिया में भी प्रवेश किया है।

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बचपन में ही रूठ गई थी किस्मत

5 जून 1983 के दिन जम्मू में जन्मे अमित ने बचपन में कभी नहीं सोचा था कि उन्हें अपनी जिंदगी में इतना संघर्ष करना पड़ेगा। उनका सपना अपने पिता की तरह आर्मी जॉइन करना था, लेकिन जब अमित लखनऊ के लामार्टिनियर कॉलेज में 11वीं के छात्र थे, उस वक्त उनके पिता रामचंद्र डोगरा का निधन हो गया। वह भारतीय सेना में कार्यरत थे और नेशनल लेवल के हॉकी प्लेयर भी रह चुके थे। पिता के देहांत के बाद अमित की किस्मत भी उनसे रूठ गई।

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पिता के निधन के बाद शुरू हुआ संघर्ष

अमित ने एक इंटरव्यू में बताया था कि पिता के जाने के बाद उनकी पढ़ाई छूट गई। हालात इतने बिगड़े कि रोजी-रोटी की तलाश में दिल्ली आना पड़ा। सिर्फ जिंदा रहने के लिए उन्होंने घर छोड़ा। फुटपाथ पर सोए और बतौर सेल्समैन काम भी किया। दूसरों के घरों में बर्तन मांजे और चौकीदारी तक की। एक वक्त पर अमित अपने संघर्ष से इतने ज्यादा परेशान हो गए थे कि उसी बिल्डिंग की छत पर आत्महत्या करने के लिए पहुंच गए थे, जहां वह काम करते थे। हालांकि, एक दोस्त ने वक्त रहते उन्हें बचा लिया।

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