मुंबई। Amrish Puri Birth Anniversary अपने दमदार अवाज और डरावने गेटअप में पेश होने वाले अभिनेता अमरीश पुरी को आज कौन नहीं जानता। अमरीश पुरी बॉलीवुड के एक ऐसे एक्टर थे, जिन्होंने हीरो के बराबर फिल्मों में जगह बना लिया था। अमरीश पुरी जब भी डायलॉग बोला करते थे तो दर्शकों के दिलों में खौफ पैदा हो जाता था। 22 जून यानी आज अमरीश पुरी का जन्मदिन है।
Read More: सावन के महीने में बन रहा दुर्लभ योग, ये तीन राशि वाले हो जाएंगे मालामाल…
Amrish Puri Birth Anniversary अमरीश पुरी का जन्म पंजाब में आज ही के दिन 22 जून 1932 को हुआ था। अमरीश पुरी ने बॉलीवुड में 450 से भी ज्यादा फिल्म दिए। इस दौरान उन्होंने कई दिल छु लेने वाला किरदार निभाए हैं, तो वहीं ज्यादातर फिल्मों में नेगेटिव यानी विलेन के किरदार निभाए हैं। आज भी उनका ऐसे कई किरदार है जो दर्शकों को आकर्षित करता है।
अमरीश पुरी ने हिंदी फिल्मों के साथ ही अमरीश ने पंजाबी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम फिल्मों में भी काम किया था। 12 जनवरी 2005 को अमरीश पुरी का निधन हो गया था। अमरीश पुरी ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में 3 दशकों से भी ज्यादा समय तक राज किया है दरअसल, अमरीश पुरी के लिए भी बॉलीविड में एंट्री करना आसान नहीं था। इसके लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा था। अमरीश पुरी मुंबई एक्टर बनने आए थेए लेकिन उन्हें कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा।
ये अदालत है, कोई मंदिर या दरगाह नहीं जहां मन्नतें और मुरादें पूरी होती हैं, यहां धूप बत्ती और नारियल नहीं बल्कि ठोस सबूत और गवाह पेश किए जाते हैं (दामिनी- 1993)
थप्पड़ तुम्हारे मुंह पर पड़ा है और निशान मेरे गाल पर पड़े हैं (विश्वात्मा- 1992)
गलती एक बार होती है, दो बार होती है, तीसरी बार इरादा होता है (इलाका- 1989)
ये दौलत भी क्या चीज़ है, जिसके पास जितनी भी आती है, कम ही लगती है (दीवाना- 1992)
पैसों के मामले में मैं पैदाइशी कमीना हूं, दोस्ती और दुश्मनी का क्या, अपनों का खून भी पानी की तरह बहा देता हूं (करन अर्जुन- 1995)
नए जूतों की तरह शुरू में नए अफसर भी काटते हैं (मुकद्दर का बादशाह- 1990)
डॉन्ग कभी रॉन्ग नहीं होता (तहलका- 1992)
जा सिमरन जा, जी ले अपनी जिंदगी! (दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे- 1995)
आदमी के पास दिमाग हो तो अपना दर्द भी बेच सकता है (ऐतराज- 2004)