The World Economic Forum 2023: वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम की वार्षिक बैठक शुरू, सर्वे रिपोर्ट में जताई गई वैश्विक मंदी की आशंका…
53वीं बैठक आज स्विट्ज़रलैंड के दावोस में शुरू हुई यह बैठक 20 तारीख तक चलेगी। World Economic Forum: Risk of global recession in 2023
The World Economic Forum 2023
The World Economic Forum 2023: विश्व आर्थिक मंच की 53वीं बैठक आज स्विट्ज़रलैंड के दावोस में शुरू हुई और यह बैठक इस महीने की 20 तारीख तक चलेगी। इस बैठक में ‘Cooperation in a fragmented world’ विषय पर चर्चा की जाएगी जिसमें मौजूदा वैश्विक आर्थिक स्थिति पर विचार किया जाएगा।
बैठक में 130 देशों के नेताओं और कारोबारियों के शामिल होने की संभावना
विश्व आर्थिक मंच के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष क्लॉस श्वाब ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक समस्याओं ने राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर मतभेद बढ़ा दिए हैं, जिनका समाधान सरकार और व्यापार जगत के बीच अनुकूल परिस्थितियों के निर्माण में सहयोग और विश्वास के साथ ढूंढना होगा। इस बैठक में 130 देशों के 2,700 से अधिक नेता शामिल हो रहे हैं, जिनमें 52 राष्ट्राध्यक्ष/सरकार शामिल हैं। वहीं भारत की तरफ से भी कई मंत्रियों, नेताओं और कारोबारियों के शामिल होने की संभावना है।
बैठक में इन बातों का होगा आह्वान
स्विट्ज़रलैंड के दावोस में चल रही विश्व आर्थिक मंच की बैठक में रूस-यूक्रेन संकट और वैश्विक मुद्रास्फीति जैसे मुद्दों और उनके समाधान पर चर्चा की जाएगी। वहीं दूसरी ओर बैठक में शामिल हुए नेताओं से आर्थिक, ऊर्जा और खाद्यान संकट से जुड़े मुद्दे उठाने और उन मुद्दों को जमीनी स्तर पर काम करने की अपील की जाएगी। इसके अलावा 2023 में वैश्विक मंदी के जोखिम से कैसे बचा जाए और जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयास को कैसे सुनिश्चित किया जाए इस पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।
बढ़ रहा कर्ज और पर्यावरणीय बदलावों से निवेश का लाभ हुआ कम
The World Economic Forum 2023: आर्थिक मंच की प्रबंध निदेशक सादिया जाहिदी ने सर्वे के परिणामों पर जारी बयान में कहा- बढ़ती महंगाई, धीमी पड़ती वृद्धि, बढ़ रहा कर्ज और पर्यावरणीय बदलावों से निवेश का लाभ कम हुआ है। इससे तरक्की की रफ्तार बाधित हो रही है और रहन-सहन का खर्च बढ़ रहा है।
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वर्तमान समय में विश्व का बड़ा हिस्सा इन वास्तविकताओं की चपेट में है। इन्हीं के कारण 2023 में दुनिया पर मंदी का खतरा गहरा रहा है। यह सर्वे रिपोर्ट तब आई है जब पिछले सप्ताह ही विश्व बैंक ने कई देशों की आर्थिक वृद्धि की संभावित दर घटाई है। कई देशों की कम हुई वृद्धि दर से ही आने वाले समय में मंदी की आशंका पैदा हुई है।
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