कैसे बनता है देश का बजट? जानें Budget 2023 के बनने का पूरा Process

Budget 2023 Process - आमतौर पर हम अपना बजट अपनी आमदनी के आधार पर बनाते हैं। मगर देश का बजट बनाने की प्रक्रिया बहुत जटिल और उल्टी होती है।

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  • Publish Date - January 31, 2023 / 08:37 PM IST,
    Updated On - January 31, 2023 / 08:37 PM IST

Budget 2023 Process – आमतौर पर हम अपना बजट अपनी आमदनी के आधार पर बनाते हैं। मिसाल के लिए, अगर हमारी महीने की आमदनी 20,000 है, तो हम अपने खर्चों को भी उसी के अनुसार एडजस्ट करते हैं। मगर जब बात देश का बजट बनाने की आती है, तो ये प्रक्रिया काफी जटिल बन जाती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि सरकार अपना बजट बनाते समय पहले अपने खर्चों का आंकलन करती है और बाद में उसके अनुसार कमाई करने का ज़रिया ढूंढती है। हर नए फाइनेंशियल ईयर के लिए इसमें पूरे देश का लेखा जोखा पेश किया जाता है। ये प्रक्रिया बहुत जटिल होती है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर Budget 2023 कैसे बनाया गया और इसकी पूरी प्रक्रिया क्या थी?

केंद्रीय बजट का मसौदा तैयार हो चुका है। 1 February को वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) अपना चौथा आम बजट पेश करेंगी। Budget से एक दिन पहले यानी आज 31 जनवरी को Economic Survey पेश किया गया।

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क्या होता है Economic Survey?

इकोनॉमिक सर्वे के आधार पर ये अंदाजा लग जाता है कि आने वाले समय में क्या महंगा होने वाला है और क्या सस्ता हो सकता है क्‍योंकि इसमें बीते साल की अर्थव्‍यवस्‍था का लेखा-जोखा होता है। Economic Survey के अगले दिन Union Budget पेश किया जाता है।

अब बात कर लेते हैं बजट को तैयार करने की प्रक्रिया के बारे में। तो आपको बता दें कि बजट को बनाने की प्रक्रिया काफी लंबी होती है और इसे बनाने की तैयारी करीब 6 महीने पहले से शुरू हो जाती है। यानी अगस्‍त से सितंबर के बीच Budget को तैयार करने की प्रोसेस (Budget 2023 Process) शुरू हो जाती है। बजट को वित्त मंत्रालय ही नहीं बल्कि NITI Aayog और दूसरे संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से तैयार किया जाता है।

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कैसे तैयार हुआ बजट (Budget 2023 Process)?

  •  बजट को तैयार करने से पहले एक सर्कुलर जारी किया जाता है। यह सर्कुलर वित्त मंत्रालय, सभी मंत्रालयों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और स्वायत्त निकायों को आने वाले साल के लिए अपने हिसाब से एक अनुमान तैयार करने को कहता है। इस सर्कुलर में बजट से जुड़े दूसरे दिशा-निर्देश भी दिए जाते हैं।
  • जैसे ही वित्‍त मंत्रालय का सर्कुलर मिलता है, तमाम मंत्रालय अपने-अपने खर्च का अनुमान लगाना शुरू कर देते हैं। खर्च के अनुमान का एक रफ अंदाजा लगाया जाता है। सरकार के खजाने में कहां से कितना राजस्‍व आने वाला है और टैक्‍स रेवेन्‍यू के जरिए कितनी राशि प्राप्‍त होगी इसका अनुमान लगाया जाता है।
  • इस प्रक्रिया के पूरे हो जाने के  बाद सभी कागजातों की जांच की जाती है और परामर्श करने के बाद ये सारा डेटा Finance Ministry को भेजा जाता है। फिर वित्त मंत्रालय (Finance Ministry ), इन सभी सिफारिशों पर विचार करती है और फिर इसके बाद, अलग-अलग विभागों को आने वाले समय में होने वाले खर्चों के आधार पर राजस्व बांटा जाता है।
  • इसके बाद राजस्व विभाग और आर्थिक मामलों के विभाग व्यापारियों, किसानों, अर्थशास्त्रियों और सिविल सोसाइटी संस्थानों के संपर्क करते हैं और उनसे Budget को लेकर उनका राय मांगी जाती है। इसे प्री बजट डिस्‍कशन (Pre-Budget Discussion) कहते हैं।
  • डिस्‍कशन की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद वित्‍त मंत्री अंतिम मांगों पर फैसला लेते हैं और इसे अंतिम रूप देने से पहले इसकी चर्चा प्रधानमंत्री से भी करते हैं। उन्हें Budget से जुड़े अगले फैसलों के बारे में भी बताया जाता है और उनकी राय ली जाती है। इसके बाद वित्त मंत्रालय बजट बनाने से जुड़े सभी विभागों से आमदनी और खर्च की रसीदें प्राप्त करता है और अगले साल की होनेवाली अनुमानित कमाई और खर्चों की एक योजना बनाई जाती है।
  • सरकार बजट को फाइनल करने के लिए एक बार फिर राज्यों, अर्थशास्त्रियों, कृषि क्षेत्र के एक्सपर्ट्स, बैंकरों और व्यापार संघों के साथ डिस्कशन करती है। आखिर में, वित्त मंत्रालय द्वारा बदले हुए बजट के अनुमानों के आधार पर बजट का भाषण तैयार किया जाता है।
  • आखिर में, Finance Minister की तरफ से हलवा सेरेमनी आयोजित की जाती है जो इस बात का प्रतीक है कि बजट को आखिरी रूप मिल चुका है। हलवा सेरेमनी के बाद Budget के कागज़ों की छपाई का काम शुरू हो जाता है। 1 फरवरी को संसद में वित्त मंत्री इस बजट को पेश करता है। बजट की कॉपी सारे सांसदों को वितरित कर दी जाती है।

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तो इस प्रकार Budget बनाने की प्रक्रिया पूरी होती है। Budget 2023 को लेकर आपकी क्या अपेक्षाएं हैं, हमें ज़रूर बताएं।