Indian budget presented by first PM of Pakistan

पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री ने पेश किया भारत का बजट? जमकर कटा था बवाल, कुछ दिन बाद ही हो गई थी हत्या

Indian budget presented by first PM of Pakistan स्वतंत्र भारत से पहले पाकिस्तान के पहले पीएम ने पेश किया था भारत का अंतरिम बजट पेश

Edited By :   Modified Date:  January 31, 2023 / 05:46 PM IST, Published Date : January 31, 2023/5:43 pm IST

Indian budget presented by first PM of Pakistan: कल 1 फरवरी को 2023 का बजट पेश होनेजा रहा है। आम बजट सभी वर्ग को लोगों को ध्यान मे रखकर तैयार किया जाता है। बजट में पूरे साल का ब्यौरा होता है। बजट एक भविष्य की योजनाओं और उद्देश्यों के आधार पर अनुमानित आय और व्यय का एक औपचारिक विवरण है। दूसरे शब्दों में, एक बजट एक दस्तावेज है जो प्रबंधन व्यवसाय के लिए अपने लक्ष्यों के आधार पर आगामी अवधि के लिए राजस्व और खर्चों का अनुमान लगाने के लिए बनाता है। हालांकि भारत देश का पहला बजट 1860 में पेश किया गया था लेकिन क्या आप जानते है कि स्वतंत्र भारत का पहला बजट कब पेश हुआ था और किसने ये बजट पेश किया था। तो आझ आपको बताएंगे कि आजाद भारत का पहला बजट कब और किसने पेश किया था।

1947 में आया था स्वतंत्र भारत का पहला बजट

Indian budget presented by first PM of Pakistan: भारत के आजाद होने के बाद देश की अर्थ व्यवस्था डगमगा गई थी। जिसे चलाने के लिए बजट तैयार किया गया। कई लोगों का कहना है कि स्वतंत्र भारत का पहला बजट पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पेश किया था। तो आपको बताते कि भारत देश का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 में लाया गया था। इस बजट को आर.के. शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था। बेशक ये बजट आजादी के बाद स्वतंत्र भारत का पहला बजट था। लेकन विभाजन से पहले भारत की अंतरिम सरकार का बजट पेश हो चुका था। जिसे पाकिस्तान के लियाकत आली खान ने पेश किया था। मुस्लिम लीग के लियाक़त अली खान पहले भारतीय थे, जो भारत की अंतरिम सरकार का बजट पेश कर चुके थे। ये वही लियाक़त अली खान है जो बाद में पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने थे। हालांकि लियाक़त अली खान का ये बजट, ‘अंतरिम बजट’ तो था ही, लेकिन ‘अंतरिम सरकार’ का बजट भी था।

क्या होता है अंतरिम का मतलब

Indian budget presented by first PM of Pakistan: अंतरिम का मतलब होता है अंतिम निर्णय से पहले की व्यवस्था। मतलब दो रेगुलर के बीच के ट्रांसिक्शन के दौरान। जैसे यहां पर ‘अंतरिम सरकार’ का मतलब- जब अंग्रेज़ हुकूमत जाने वाली थी और आज़ाद भारत की सरकार बनने वाली थी तो इस दौरान कुछ समय, सत्ता हस्तांतरण के लिए एक अल्पकालीन सरकार बना दी गई। जिसने 2 सिंतबर, 1946 में अंतरिम बजट पेश कियका था, ताकि आवश्यक कार्य न रुकें और सत्ता हस्तांतरण भी तेजी से हो। तो ये हो गई ‘अंतरिम सरकार’। ऐसे ही अंतरिम बजट का भी हिसाब है। किसी के इस्तीफे, सरकार के गिर जाने या आम चुनाव या ऐसे ही कई अन्य कारणों के चलते जब नए, पूर्णकालिक बजट के आने में देर हो तो तब तक के लिए एक टेंटेटिव बजट बना लिया जाता है। ताकि आवश्यक कार्य न रुकें। उसे ‘अंतरिम बजट’ कहते हैं।

कहलाया भारत का पुअर मैन बजट

Indian budget presented by first PM of Pakistan: बता दें कि आजादी से पहले जब अंतरिम सरकार का गठन हुआ तो मुस्लिम लीग ने अपने नुमाइंदे के रूप में लियाकत आली खान को भेजा। यहां पंडित नेहरु ने उन्हें वित्त मंत्रालय सौंपा। लियाकत के बजट को पुअर मैन बजट नाम दिया गया। उन्‍होंने अपने बजट प्रस्तावों को ‘सोशलिस्ट बजट’ बताया था, लेकिन उन्‍हें बजट को लेकर उद्योगजगत की आलोचना सहनी पड़ी थी।

गोली मारकर की थी हत्या

Indian budget presented by first PM of Pakistan: लियाकत अली खान पर आरोप लगा कि उन्होंने कर प्रस्ताव बहुत ही कठोर रखे जिससे उनके हितों को चोट पहुंची। लियाकत अली पर ये भी आरोप लगे कि वे अंतरिम सरकार में हिन्दू मंत्रियों के खर्चो और प्रस्तावों को हरी झंडी दिखाने में खासा वक्त लेते हैं। सरदार पटेल ने तो यहां तक कहा था कि वे लियाकत अली खान काफी सख्त किस्म के इंसान थे। उनकी अनुमति के बगैर एक चपरासी की भी नियुक्त कोई नहीं कर सकता था। लियाकत अली खान के बचाव में भी बहुत से लोग आगे आए थे। उनका तर्क था कि वे हिन्दू विरोधी नहीं हो सकते क्योंकि उनकी पत्नी गुल-ए-राना हिंदू थीं। देस के विभाजन के बाद वे पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने। लेकिन उनकी ये डगर इतनीआसान नहीं थी। लियाकल जिन्ना के करीबी माने जाते थे। जिन्ना की मौत के बाद लियाकत अली खान पाकिस्तान के निर्विवाद रूप से सबसे बड़े नेता के रूप में उभरे थे। लेकिन 1951 में रावलपिंडी में एक सभा को संबोधित करने के दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

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