Cancer ke khilaf dharna

कैंसर के खिलाफ देश का पहला धरना, सड़क पर बैठ इस चीज की कर रहे मांग

Cancer ke khilaf dharna कैंसर डे पर बैतूल में एक अनोखा नजारा देखने को मिला यहां रोग से मुक्त करने के लिए एक समाज सेवी धरने पर बैठ गए

Edited By :   Modified Date:  February 4, 2023 / 02:54 PM IST, Published Date : February 4, 2023/2:53 pm IST

Cancer ke khilaf dharna: बैतूल। आज कैंसर डे पर बैतूल में एक अनोखा नजारा देखने को मिला जहां इस जानलेवा रोग पर विजय हासिल कर लोगों को इस रोग से मुक्त करने के लिए एक समाज सेवी धरने पर बैठ गए। आपको बता दें कि समाज सेवी हेमंत चन्द्र बबलू दुबे बैतूल की एक ऐसी शख्सियत है जिन्होंने अपने दम पर कैंसर जैसे रोग को मात देकर लोगों के लिए एक मिसाल पेश की है। बबलू का ये मानना है कि, इस रोग को उतपन्न करने वाले संसाधन इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं।

Cancer ke khilaf dharna: जगह जगह पॉलीथिन के ढेर, तम्बाकू के उत्पाद इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं कुछ हद तक शासन की कार्य योजनाएं भी इसके लिए जिम्मेदार है। क्योंकि पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगने के बाद भी आज हर तरफ ये जानलेवा पन्नियां देखी जा सकती हैं। तम्बाकू और प्लास्टिक जनित सामग्रियों पर रोक लगाने में शासन प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। पिछले कई सालों से यह समाज सेवी रोजाना शहर के चिन्हित किये गए क्षेत्र में प्लास्टिक पन्नियों की सफाई में अपना योगदान दे रहा है। ताकि इन पन्नियों को खाकर जानवर असमय मौत के मुंह मे ना जा पाएं।

Cancer ke khilaf dharna: बबलू दुबे का कहना है की कैंसर को जड़ से खत्म किया जा सकता है। लेकिन इसमें जो सबसे बड़ी परेशानी ये है की जो उत्पात कैंसर के जनक है। वो सभी सरकार के राजस्व का लालच बने हुए है और उन सभी उत्पातकों को समाज के लोगों का रोजगार के रूप में अपना लेना है।अनियंत्रित विकास लालच का विकास अविवेक पूर्व विकास इन सभी पर भी रोक लगाया जाना चाहिए। इन सभी कार्यों के लिए सामाजिक कमिटी बनाकर निर्णय लिया जाना चाहिए।

Cancer ke khilaf dharna: साल 2012 से लगातार कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की रोकथाम के लिए हर मंच हर जन प्रतिनिधियों की शरण में गया लेकिन सभी की ओर से बेरुखी मिली क्योंकि जिस राजस्व से वो विकास कर रहे है वो राजस्व कैंसर कारकों की नीतियों से ही वो पैदा करते है इसलिए वो चुप्पी साधे हुए है। जिन बड़े-बड़े कारखानों को बड़े-बड़े पूंजीपतियों को उद्योगपतियों को ये सब काम करने की अनुमति दी जाती है। उन्हीं के चंदो से ये लोग इस लोक तंत्र में चुनाव लड़कर जीतकर अपनी सत्ता और कुर्सी को हासिल करते है। जिसकी वजह से बाधा उत्पन्न हो रही है। ये अभियान जबतक चलता रहेगा जब तक जिला प्रशासन इस जिले को कैंसर मुक्त जिला होने के पर्चे जिले में ना लगवा दें।

Cancer ke khilaf dharna: डॉक्टर का कहना है कि आज के समय में देश में सबसे ज्यादा मौतें कैंसर से हो रही है। कैंसर के मुख्यकरण तंबाखू के उत्पात और रासायनिक केमिकल व खाद के उपयोग से निर्मित अनाज को पकाकर खाने से , अत्यधिक शराब का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। महिलाओं में भी कैंसर जैसी बीमारी का प्रकोप ज्यादा देखने को मिल रहा है उनमें बेस्ट कैंसर सर्वाइकल कैंसर,अच्छे सेनेटरी पेड़ का उपयोग नहीं करने से और खाद्य सामग्री से भी कैंसर जैसी बीमारी उत्पन्न हो रही है। यदि शासन प्रशासन सख्ती से इस पर रोक लगाए तो काफी हद तक कैंसर जैसी जान लेवा बीमारी को रोका जा सकता है। यही वजह है कि आज कैंसर डे पर वे अपने शहर वासियों के साथ कैंसर रोग के खिलाफ धरने पर बैठे हैं।

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