Every year 16 lakh people die due to TB disease

World Tuberculosis Day: हर साल लगभग 16 लाख लोग टीबी रोग से गंवा रहे जान, सतर्कता के लिए जानें बेहद जरूरी ये 5 बातें

Every year 16 lakh people die due to TB disease मरीज के खांसने और छींकने के दौरान मुंह-नाक से निकलने वालीं बारीक बूंदें इन्हें फैलाती हैं।

Edited By :   Modified Date:  March 24, 2023 / 02:44 PM IST, Published Date : March 24, 2023/2:44 pm IST

Every year 16 lakh people die due to TB disease: टीबी बैक्टीरिया से होनेवाली बीमारी है। सबसे कॉमन फेफड़ों की टीबी है और यह हवा के ज़रिए एक से दूसरे इंसान में फैलती है। मरीज के खांसने और छींकने के दौरान मुंह-नाक से निकलने वालीं बारीक बूंदें इन्हें फैलाती हैं। ऐसे में मरीज के बहुत पास बैठकर बात की जाए तो भी इन्फेक्शन हो सकता है। फेफड़ों के अलावा ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गले आदि में भी टीबी हो सकती है।

Read more: India News Today 24 March Live Update: राहुल गाँधी को बड़ा झटका! कोर्ट के फैसले के बाद संसद की सदस्यता खत्म 

फेफड़ों के अलावा दूसरी कोई टीबी एक से दूसरे में नहीं फैलती। टीबी ख़तरनाक इसलिए है, क्योंकि यह शरीर के जिस हिस्से में होती है, सही इलाज न हो तो उसे बेकार कर देती है। फेफड़ों की टीबी फेफड़ों को धीरे-धीरे बेकार कर देती है, तो यूटरस की टीबी बांझपन की वजह बनती है। ब्रेन की टीबी में मरीज को दौरे पड़ते हैं, तो हड्डी की टीबी हड्डी को गला सकती है।

बता दें कि 2025 तक देश को क्षय रोग मुक्त करने का लक्ष्य बनाया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल 16 लाख लोग क्षय रोग की वजह से मौत हो रही है तो करीब 10 लाख नए लोग क्षय रोग के मरीज सामने आते हैं। इसलिए लोगों को इसके प्रति जागरूक होने की आवश्यकता अभी भी है और प्रारंभिक लक्षण दिखते ही उन्हें समुचित उपचार के लिए अस्पतालों तक पहुंचना चाहिए।

टीबी के बारे में ये अहम बातें जो आपके लिए है बेहद ज़रूरी

सबसे अहम बात है टीबी की पहचान। इसके कुछ लक्षण हैं, मसलन- तीन हफ्ते से ज़्यादा लगातार खांसी हो, खांसी के साथ बलगम आता हो, बलगम में कभी-कभार खून आ रहा हो, भूख कम लगती हो, वजन कम हो रहा हो, शाम या रात के वक़्त बुखार आ रहा हो और सांस उखड़ती हो, सांस लेते हुए सीने में दर्द। कुछ मरीजों में इनमें से कोई एक लक्षण दिखता है, तो कुछ में कई। कुछ मरीजों में एक भी लक्षण नहीं दिखते।

तीन हफ्ते से ज़्यादा खांसी होने पर डॉक्टर को दिखाएं। दवा का पूरा कोर्स लें, वह भी नियमित तौर पर। डॉक्टर से बिना पूछे दवा बंद न करे। आमतौर पर बीमारी ख़त्म होने के लक्षण दिखने पर मरीज को लगता है कि वह ठीक हो गया है और इलाज रोक देता है। ऐसा बिलकुल न करें।

Read more: दर्दनाक सड़क हादसाः ट्रक से एक साथ टकराई चार यात्री बस, 70 लोग घायल, मची चीखपुकार 

Every year 16 lakh people die due to TB disease: टीबी का इलाज पूरी तरह मुमकिन है। सरकारी अस्पतालों और डॉट्स सेंटरों में इसका फ्री इलाज होता है। टीबी का इलाज लंबा चलता है। इसे ठीक होने में 6 महीने से 2 साल तक का समय लग सकता है। अगर पूरी तरह ठीक होने से पहले टीबी का इलाज छोड़ दिया जाए तो बैक्टीरिया में दवाओं के ख़िलाफ़ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है और इलाज काफी मुश्किल हो जाता है क्योंकि आम दवाएं असर नहीं करतीं।

इस स्थिति को MDR/XDR यानी मल्टी ड्रग्स रेजिस्टेंट टीबी/एक्सटेंसिवली ड्रग्स रेजिस्टेंट टीबी कहते हैं। आमतौर पर हर 100 में 2 मामले MDR के होते हैं। MDR के मामलों में से 7 फीसदी XDR के होते हैं, जोकि और भी नुकसानदेह है।

अगर किसी की लापरवाही से टीबी फैलती है या मरीज ठीक से इलाज नहीं कराता, तो उसे आईपीसी की धारा 269 और 270 के तहत 6 महीने तक की सजा हो सकती है। XDR टीबी फैलाने पर तो एक साल तक की सजा हो सकती है।

 

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें