Haryana Assembly Election 2024 Survey : हरियाणा विधानसभा चुनाव में कौन मारेगा बाजी? ओपिनियन पोल के खुलासे से सभी हैरान
Haryana Assembly Election 2024 Survey : हरियाणा विधानसभा चुनाव में कौन मारेगा बाजी? ओपिनियन पोल के खुलासे से सभी हैरान।
Haryana Assembly Election 2024 Survey
चंडीगढ़ : Haryana Assembly Election 2024 Survey निर्वाचन आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है। हरियाणा में 1 अक्टूबर को एक फेज में वोट डाले जाएंगे और 4 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान कर दिया जाएगा। चुनावी शेड्यूल जारी होते ही हरियाणा का एक ओपिनियन पोल सामने आया है। इसी बीच ओपिनियन पोल के सर्वे में बड़ा खुलासा हुआ है।
Haryana Assembly Election 2024 Survey हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद जहां एक तरफ राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। वहीं दूसरी तरफ चुनावी सर्वे के परिणाम आने भी शुरू हो गए। आपको क्या लगता है कि बीजेपी क्या हरियाणा में जीत पाएगी या कांग्रेस 10 साल शासन करने के बाद फिर वापसी करेगी?, इसे लेकर लोक पोल(Lok Poll) ने हरियाणा में प्री-पोल सर्व किया है जिसके अनुसार 90 विधानसभा सीटों वाले इस प्रदेश में भाजपा के साथ बड़ा खेला होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस ओपिनियन पोल में किसे कितने सीटें मिलेगी यह अनुमान प्रस्तुत किया गया है। इस ओपिनियन पोल में हरियाणा के 67,500 लोगों की राय ली गई है।
क्या कहते हैं इस बार ओपिनियन पोल के आंकड़े?
ओपिनियन पोल के सर्वे के अनुसार, कांग्रेस को इस बार चुनाव में 58-65 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर वापसी करने का अनुमान है। साथ ही इस चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर 45-48 फीसदी होने का भी अनुमान है। अब बीजेपी की बात करें तो उसे 20-29 सीटें मिल सकती है और उसका वोट शेयर 35-37 फीसदी रहने का अनुमान है। लोक पोल सर्वे के मुताबिक 3 से 5 सीटें अन्य की झोली में जाने का भी अनुमान लगाया जा रहा है।
हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला
लोक पोल सर्वे के अनुसार हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर रहेगी। वहीं जेजेपी और आईएनएलडी जैसे क्षेत्रीय दलों का कोई खासा प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा। इस सर्वे को 26 जुलाई से 24 अगस्त 2024 के मध्य किया गया है। जिसके नमूने का आकार 67,500 था और पोर्टेबल डिवाइस के माध्यमों द्वारा लोगों से फेस टू फेस साक्षात्कार किए गए थे। इस सर्वे के मुताबिक सिक्ख, जाट और जाटव बड़े पैमाने पर कांग्रेस के समर्थन में जा सकते हैं। वहीं बीजेपी पर इस बार एंटी इन्कंबेंसी फैक्टर का बड़ा प्रभाव पड़ा है।

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