600 Schools and 19 College will Close

पूरे प्रदेश के 600 से अधिक स्कूलों को किया जाएगा बंद, 19 कॉलेजों पर भी लगेगा ताला, इस वजह से लिया फैसला

प्रदेश के 600 से अधिक स्कूलों को किया जाएगा बंद, 19 कॉलेजों पर भी लगेगा ताला, इस वजह से लिया फैसला! 600 Schools and 19 College will Close

Edited By :   Modified Date:  March 5, 2023 / 03:17 PM IST, Published Date : March 5, 2023/2:48 pm IST

शिमला: 600 Schools and 19 College will Close प्रदेश की सत्ता संभालने के साथ ही सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू एक्शन मोड पर काम कर रहे हैं। पहले की कैबिनेट बैठक में उन्होंने पुरानी पेंशन योजना लागू करने के वादे को पूरा कर दिया है और अब 1 अप्रैल से सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। इसी बीच खबर आ रही है कि प्रदेश सरकार 600 से अधिक स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। वहीं, खबर ये भी है कि सरकार ने 19 कॉलेजों को भी बंद करने का फैसला लिया है।

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600 Schools and 19 College will Close मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने प्राइमरी से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों को खोलने के लिए नियम तय कर दिए हैं। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्राइमरी स्कूलों में कम से कम 10 बच्चों का होना अनिवार्य है। इसी तरह मिडिल स्कूलों के लिए 15, हाई स्कूलों के लिए 20 और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के लिए 25 बच्चों की शर्त को अनिवार्य किया जाएगा। प्रदेश में 606 के करीब स्कूल ऐसे हैं, जहां पर इससे कम संख्या है। सरकार इन स्कूलों को साथ लगते स्कूलों में मर्ज कर दिया जाएगा या फिर बंद ही कर दिया जाएगा। बता दें कि इनमें से कुछ स्कूल बीती जयराम सरकार में खोले गए थे। वहीं, कुछ काफी समय से चल रहे हैं।

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बता दें कि पूर्व सरकार के समय में खुले 23 में से 19 कॉलेजों को भी सरकार ने बंद कर दिया है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। साथ लगते स्कूलों में मर्ज होने वाले स्कूलों के बच्चों को सुगमता से नए स्कूल तक पहुंचने की व्यवस्था की जाएगी। निदेशालय का तर्क है कि वर्तमान में कई स्कूलों में बच्चे कम होने से ग्रुप लर्निंग का माहौल नहीं बन पा रहा है। ऐसे में कम विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों को दूसरे स्कूलों में मर्ज किया जाना चाहिए।

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रोहित ठाकुर ने कहा कि जिन स्कूलों को दूसरे स्कूल में मर्ज किया जाएगा, वहां के शिक्षकों और अन्य स्टाफ को रिक्त पदों वाले स्कूलों में नियुक्ति दी जाएगी। इससे स्कूलों में कम से कम 2500 के करीब शिक्षकों की कमी दूर हो जाएगी। कम संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने का प्रस्ताव पूर्व सरकारों के समय में भी आता रहा हैं। चुनावी वर्ष और लोगों के दबाव के चलते हर सरकार ने अपने हाथ पीछें खींचे हैं, लेकिन सरकार ने सत्ता में आते ही स्कूलों को लेकर यह बड़ा निर्णय लिया है।

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शिक्षा विभाग का तर्क है कि जहां पर छात्रों की संख्या कम है वहां पर प्रतिस्पर्धा भी कम होती है। जब बच्चों की संख्या ज्यादा होगी तो बच्चों में प्रतिस्पर्धा होगी। प्रतिस्पर्धा खेलकूद के अलावा पढ़ाई में भी होगी। वहीं, शिक्षक भी अच्छी तरह से बच्चों को पढ़ा सकेंगे और स्कूलों में शिक्षक भी पूरे होंगे।

 

 

 

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