अंधेरे में मनाया जाएगा रोशनी का पर्व ? छत्तीसगढ़ में भी बिजली संकट! त्यौहारी सीजन में 3 दिनों का स्टॉक शेष | Will the festival of lights be celebrated in the dark? Electricity crisis in Chhattisgarh too! 3 days stock balance in festive season

अंधेरे में मनाया जाएगा रोशनी का पर्व ? छत्तीसगढ़ में भी बिजली संकट! त्यौहारी सीजन में 3 दिनों का स्टॉक शेष

अंधेरे में मनाया जाएगा रोशनी का पर्व ? छत्तीसगढ़ में भी बिजली संकट! त्यौहारी सीजन में 3 दिनों का स्टॉक शेष

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:25 PM IST, Published Date : October 12, 2021/10:46 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बड़ा बिजली संकट होने वाला है.. ऐसा हम नहीं बल्कि हालात बता रहे हैं.. क्योंकि बिजली संयंत्रों के पास कोयला ही नहीं हैं… जिनके पास हैं भी वो तो महज 2 या 3 दिनों के लिए ही बचा है.. ऐसे में सरकार की चिंता भी बढ़ गई है.. और बिजली अधिकारी भी परेशान हैं.. साथ ही साथ सियासत भी चरम पर हैं.. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या त्योहारी सीजन में अंधेरा छा जाएगा.?

क्या इस दिवाली छत्तीसगढ़ अंधेरे में डूब जाएगा…क्या रोशनी के इस त्यौहार में हमारे घर रोशन नहीं होंगे…ये सवाल इसलिए क्योंकि दूसरे राज्यों को जगमग करने वाला छत्तीसगढ़, खुद बिजली संकट से जूझ रहा है.. सप्लाई की तुलना में डिमांड अधिक होने से उद्योगों तक की बिजली काटने की नौबत आ गई है.. क्योंकि कोयले का संकट पावर प्लांट्स पर हावी है..

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छत्तीसगढ़ में 3 मुख्य पावर प्लांट हैं, DSPM, STPS और MADWA, तीनों के पास औसत 3 दिनों का स्टॉक है। त्यौहारी सीजन में बिजली संकट को देखते हुए सीएम भूपेश बघेल ने समीक्षा के लिए हाई लेवल मीटिंग भी बुलाई…. जिसमें कोयले की आपूर्ति एवं उपलब्धता पर चर्चा की गई.. जिसमें सीएम भूपेश बघेल ने secl के अधिकारियों को पावर प्लांटो को कोयले की आपूर्ति करने के निर्देश दिए..

अब आपको पावर तीनों पावर प्लांट्स की क्षमताओं के बारे में जानकारी दे दें…

पावर प्लांट्स क्षमता मौजूदा स्थिति

DSPM 500 मेगावॉट 400 मेगावॉट उत्पादन
STPS 1340 मेगावॉट 838 मेगावॉट उत्पादन
MADWA 1000 मेगावॉट 325 मेगावॉट उत्पादन

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अगर हम प्रदेश की डिमांड की बात करें तो …. तो… हालात कुछ इस तरह हैं
प्रदेश की डिमांड- 3803 मेगावॉट
बिजली उपलब्ध- 3810 मेगावॉट
पीक टाइम में डिमांड- 4123 मेगावॉट

पीक टाइम में आवश्यकतानुसार 200 से 400 मेगावाट विद्युत क्रय लगातार किया जा रहा है…वहीं अधिकारियों के मुताबिक कोयले का संकट अगर जल्द दूर नहीं होता है..तो फिर लोड शेडिंग की नौबत आ सकती है । वहीं इस पर सियासत भी हो रही है.. बीजेपी इसको सरकार का फैल्यूर बता रही है..

प्रदेश की कई यूनिट्स मेंटनेंस की वजह से बंद हैं.. जिससे 529 मेगावॉट बिजली कम कम मिल रही है… ऐसे में सरकार निजी कंपनियों से बिजली खरीद कर सप्लाई कर रही है.. बताया जा रहा है कि NTPC की लारा यूनिट 12 अक्टूबर और सीपत संयंत्र 21 अक्टूबर तक शुरू होने की संभावना है.. अगर ऐसा है तो प्रदेश की कुछ संकट कम हो सकता है..हालात चिंताजनक हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कोल कंपनियां जितनी जल्दी कोयला उपलब्ध कराएंगी, उतनी जल्दी बिजली संकट दूर होगा..