IBC24 News Mind Summit: ‘गोठान योजना हुई बंद तो सड़कों पर आ गए मवेशी’.. कांग्रेस के आरोपों पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने दिया करारा जवाब
IBC24 News Mind Summit: 'गोठान योजना हुई बंद तो सड़कों पर आ गए मवेशी'.. कांग्रेस के आरोपों पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने दिया करारा जवाब
IBC24 News Mind Summit
रायपुर: IBC24 News Mind Summit छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने आज अपने कार्यकाल के दो साल पूरे कर लिए हैं।इन दो वर्षों में सरकार ने किन चुनौतियों का सामना किया, अपने चुनावी वादों को किस हद तक जमीन पर उतारा और शासन–प्रशासन के स्तर पर क्या ठोस बदलाव किए? इन्हीं अहम सवालों के जवाब तलाशने के लिए IBC24 ने ‘माइंड समिट 2025’ स्टूडियो एडिशन का आयोजन किया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम शामिल हुए।
IBC24 News Mind Summit कांग्रेस के आरोपों पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने दिया करारा जवाब
कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि आरोप प्रत्यारोप लगाना तो बात अलग है। लेकिन इस बात से मैं भी सहमत हूं कि आज भी आवारा पशु रोड में बेचारी भटकते रहते हैं। और अकाल मृत्यु एक्सीडेंट से उनकी हो जाती है। ये बहुत ही संवेदनशील है। लेकिन देखिए अगर इसके और भी पीछे अगर इतिहास में देखेंगे इस तरह की स्थितियां क्यों पैदा हो रही है? उसका कारण ये है कि उनके लिए जो चारागाह की जमीनें होती थी वो जमीनें खत्म हो गई। हम कोई जगह बच नहीं रहा। सभी जगह या तो घर बन जा रहे हैं, कोई योजना बन जा रही है। योजना से कोई ना कोई निर्माण हो रहा है। या तो पूरी तरह से वो खेती के लायक जमीन बन गया। उसमें खेती होने लगा। मवेशी जाए कहां? घर के पास कितने लोग कितने को रखेंगे? उनके लिए चरागाह नहीं बचा। उनके लिए बैठने की जगह नहीं बचा। उनको रखने की जगह नहीं बचा। तो ले दे के बेचारी वो गाय जो है रोड में आकर के रहती है।
गोठान जो बने हैं गोठान में किस तरह से हुआ है। हम लोगों ने पूरा आंदोलन चलाया। जी उसके भ्रष्टाचार को उजागर किया। अब उसको हम ठीक करने करना चाह रहे हैं। वहां पर कोई ना कोई हमारा यूनिट काम करेगा। वहां चारे का हम उत्पादन करना चाहते हैं। कुछ गायों को रख के वहां दूध उत्पादन के लिए भी हमारा एनडीटीपी के साथ जो समझौता हुआ है कि आगे चलकर के दूध का उत्पादन को हम कैसे छत्तीसगढ़ में हम बढ़ा सकें। दूध का उत्पादन बढ़ने से सिर्फ एक परिवार ही नहीं बल्कि दूध उत्पादन से कई लोग का रोजगार जुड़ जाता है। हम वहां पर उत्पादन होगा। चारे वाले को भी मिलेगा। वहां गोबर से भी कुछ बनेगा। गोमूत्र से भी बनेंगे। तो बाकी योजना से भी उसका लाभ मिलने वाला है। हम समय थोड़ा लग रहा है। उनके साथ हमारी लगातार चर्चाएं हो रही है। और उसे गति पकड़ने में थोड़ा सा भी समय लगेगा। समझता हूं कि आज पशुधन को जिस प्रकार से उन्हें संवारने की जरूरत है। उन्हें संरक्षण देने की जितनी जरूरत है उस दिशा में हमारी सरकार पूरा प्रयास कर रही है और पूरे संवेदनशीलता के साथ हम लोग हम लोग का प्रयास है कि आवारा पशु या कोई भी जानवर रोड में ना रहे। उसे सुरक्षित जगह में रखा जाए। उसके लिए चारे के बेहतर व्यवस्था हो। उनके लिए प्रबंधन अच्छी हो।

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