Publish Date - December 13, 2025 / 02:11 PM IST,
Updated On - December 13, 2025 / 04:59 PM IST
IBC24 Mind Summit Live/ Image Source: IBC24
HIGHLIGHTS
मंत्री खुशवंत ने कौशल विकास और रोजगार पर चर्चा की।
पिता के आशीर्वाद को जीवनभर बनाए रखने की इच्छा जताई।
राजनीतिक आरोपों पर जवाब देते हुए बड़ों के मार्गदर्शन को महत्व बताया।
IBC24 Mind Summit Live रायपुर: छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने आज अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे कर लिए हैं। इन दो वर्षों में सरकार ने किन चुनौतियों का सामना किया, अपने चुनावी वादों को किस हद तक जमीन पर उतारा और शासन–प्रशासन के स्तर पर क्या ठोस बदलाव किए? इन्हीं अहम सवालों के जवाब तलाशने के लिए IBC24 ने ‘माइंड समिट 2025’ स्टूडियो एडिशन का आयोजन किया।
IBC24 के खास इवेंट ‘माइंड समिट’ में भाजपा के दिग्गज नेता और यूथ आइकन मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने शिरकत की। उन्होंने छत्तीसगढ़ में कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा, रोजगार और अनुसूचित जाति वर्ग के विकास से जुड़े सवालों पर चर्चा की।
क्या पिता के छत्रछाया से बाहर नहीं निकलना चाहते मंत्री खुशवंत?
IBC24 Mind Summit Live मंत्री गुरु खुशवंत साहेब से IBC24 के सीनियर असिस्टेंट एडिटर हितेश व्यास ने कई मुद्दों पर सवाल किए। इन सवालों का मंत्री खुशवंत साहेब ने खुलकर और विस्तार से जवाब दिया। इस दौरान सीनियर असिस्टेंट एडिटर हितेश व्यास ने उनसे एक राजनीतिक सवाल भी पूछा। उन्होंने पूछा कि आपके विरोधी या विपक्ष के लोग आरोप लगाते हैं कि गुरु खुशवंत साहेब अपने पिताश्री गुरु बालदास जी के छत्रछाया से बाहर नहीं निकलना चाहते। आप इस पर क्या कहना चाहेंगे?
मेरे पिताजी का छत्रछाया मेरे जीवन में बना रहे: मंत्री गुरु खुशवंत साहेब
IBC24 Mind Summit Live इस सवाल का जवाब देते हुए मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि मैं हमेशा जीवन भर अपने पिताजी का छत्रछाया और उनका आशीर्वाद मेरे जीवन में बना रहे, यही चाहता हूँ। उनका मार्गदर्शन मेरे जीवन में हमेशा बना रहे, क्योंकि मैं आज जो कुछ भी हूँ, वह उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन से ही हूँ। जो भी मैंने सीखा है, वह मैंने उनसे ही सीखा है। मेरे छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी भी उनका मार्गदर्शन हैं। बड़ों का आशीर्वाद, सहयोग और मार्गदर्शन जीवन में हमेशा बना रहना चाहिए। जो लोग कह रहे हैं कि मैं अपने पिता की छत्रछाया से बाहर नहीं निकल पाए, मैं यह स्पष्ट कहना चाहता हूँ कि मैं ऐसा कभी नहीं चाहूंगा। मैं चाहता हूँ कि उनका आशीर्वाद सदा मेरे जीवन में बना रहे।