Waqf Amendment Bill: वक्फ बिल पारित होने के बाद NDA में बन रहे नए समीकरण, समझिए 3 संकेत

Waqf Amendment Bill: यह विधेयक पारित करना महत्वपूर्ण है, विशेषकर तब जब तीसरी बार मोदी सरकार को बहुमत के लिए अपने सहयोगी दलों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। यह गठबंधन राजनीति की गतिशीलता में महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।

Waqf Amendment Bill: वक्फ बिल पारित होने के बाद NDA में बन रहे नए समीकरण, समझिए 3 संकेत
Modified Date: April 5, 2025 / 10:31 pm IST
Published Date: April 5, 2025 10:31 pm IST
HIGHLIGHTS
  • वक्फ बिल पारित होने के 3 संकेत
  • विधेयक का महत्व और राजनीतिक प्रभाव
  • एनडीए सहयोगी दलों की भूमिका

नई दिल्ली: Waqf Amendment Bill, संसद के दोनों सदनों से वक्फ (संशोधन) विधेयक के पारित होने के बाद, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में नए राजनीतिक समीकरण उभरकर सामने आए हैं। यह विधेयक पारित करना महत्वपूर्ण है, विशेषकर तब जब तीसरी बार मोदी सरकार को बहुमत के लिए अपने सहयोगी दलों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। यह गठबंधन राजनीति की गतिशीलता में महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।

विधेयक का महत्व और राजनीतिक प्रभाव:

वक्फ (संशोधन) विधेयक, जो मुस्लिम धर्मार्थ भूमि संपत्तियों के प्रबंधन में बदलाव करता है, में गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्डों में शामिल करने और सरकारी निगरानी बढ़ाने का प्रावधान है। समर्थकों का तर्क है कि ये बदलाव भ्रष्टाचार कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए हैं, जबकि आलोचकों का मानना है कि यह मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और धार्मिक संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ा सकता है।

वक्फ बिल पारित होने के 3 संकेत

कई नेताओं का मानना है कि वक्फ विधेयक को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने से तीन कारकों का संकेत मिल सकता है; सबसे पहले, इस प्रकरण से विपक्ष की यह उम्मीद कम हो गई है कि एनडीए के सहयोगी वैचारिक मतभेदों के कारण तीसरी मोदी सरकार को खतरे में डाल सकते हैं।

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दूसरे, वक्फ विधेयक के पारित होने से सरकार को अपने लंबित वैचारिक एजेंडे – समान नागरिक संहिता – को अपनी राजनीतिक सुविधा के समय पर आगे बढ़ाने की इच्छा हो सकती है। तीसरे, गठबंधन के बढ़ते आत्मविश्वास से सरकार आर्थिक और शासन सुधार एजेंडे पर अधिक महत्वाकांक्षी रूप से कार्य कर सकती है, जिससे सहयोगी दलों को उचित शर्तों पर अधिक उदार बनाया जा सकता है।

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एनडीए सहयोगी दलों की भूमिका:

बीजेपी के सहयोगी दलों, विशेषकर जनता दल (यूनाइटेड) [जेडीयू], तेलुगु देशम पार्टी [टीडीपी], और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) [एलजेपी], ने इस विधेयक का समर्थन किया है। जेडीयू के नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ ने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम विरोधी नहीं है और इसका उद्देश्य वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता लाना है।

टीडीपी के सांसद जी.एम. हरीश बलयोगी ने भी विधेयक का समर्थन किया, यह कहते हुए कि यह गरीब मुस्लिमों और महिलाओं की मदद करेगा और पारदर्शिता लाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि आवश्यक हो, तो उनकी पार्टी विधेयक को संसदीय समिति के पास भेजने के लिए तैयार है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया:

विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों ने इस विधेयक की आलोचना की है, इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए। उनका मानना है कि यह विधेयक धार्मिक संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ा सकता है और मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों का हनन करता है।

वक्फ (संशोधन) विधेयक का पारित होना एनडीए के भीतर सहयोगी दलों की बदलती भूमिका और गठबंधन राजनीति में नए समीकरणों को उजागर करता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह विधेयक भविष्य में भारतीय राजनीति और मुस्लिम समुदाय पर क्या प्रभाव डालता है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com