जमीन, मकान या दुकान की रजिस्ट्री के बाद अब नहीं लगाने पड़ेंगे तहसील दफ्तर के चक्कर, ऑटोमैटिक हो जाएगा संपत्ति का नामांतरण

registration of land: तहसील ऑफिस में बिना पैसे खर्च किए नामांतरण कराना लगभग नामुमकिन था, लेकिन सरकार ने अब इस सिस्टम को ही खत्म कर दिया है।

जमीन, मकान या दुकान की रजिस्ट्री के बाद अब नहीं लगाने पड़ेंगे तहसील दफ्तर के चक्कर, ऑटोमैटिक हो जाएगा संपत्ति का नामांतरण

CG Hindi News/ Image source: IBC24 File Image

Modified Date: April 25, 2025 / 10:33 pm IST
Published Date: April 25, 2025 10:33 pm IST
HIGHLIGHTS
  • हर तरह की संपत्ति के लिए लागू हुआ नियम
  • आम जनता के लिए बड़ी राहत की बात
  • तहसीलदार वर्ग में नाराजगी के स्वर

रायपुर: registration of land, छत्तीसगढ़ में जमीन समेत अन्य संपत्तियों की खरीद बिक्री सिस्टम में सरकार ने बड़ा फेरबदल कर दिया है। जमीन, मकान या दुकान की रजिस्ट्री के बाद अब किसी को भी नामांतरण के लिए तहसील दफ्तरों का चक्कर काटना नहीं होगा। रजिस्ट्री के बाद अब सीधे नामांतरण हो जाएगा। राजपत्र में प्रकाशन के साथ ये सिस्टम अब प्रदेश में लागू भी हो गया है।

राजस्व मामलों में एक के बाद एक सुधार कर रही साय सरकार की नई कोशिश प्रदेश के लाखों –करोड़ों लोगों के लिए बड़ी राहत कही जाएगी। जमीन, मकान, या दुकानों की रजिस्ट्री के बाद उसका नामांतरण कराने में क्या पापड़ बेलने पड़ते थे। इसे प्रदेश का लगभग हर शख्स कभी ना कभी अपने जीवन में महसूस जरूर किया होगा। तहसील ऑफिस में बिना पैसे खर्च किए नामांतरण कराना लगभग नामुमकिन था, लेकिन सरकार ने अब इस सिस्टम को ही खत्म कर दिया है।

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हर तरह की संपत्ति के लिए लागू हुआ नियम

अब किसी जमीन, मकान या दुकान की रजिस्ट्री होते ही, नए खरीददार के नाम पर संपत्ति का नामांतरण ऑटोमैटिक रूप से हो जाएगा। रजिस्ट्री के बाद अब तक नामांतरण के लिए तहसील ऑफिस जाना पड़ता था, लेकिन अब रजिस्ट्री करने वाले सब रजिस्ट्रार को ही नामांतरण का अधिकार दे दिया गया है। यानी जो अधिकारी संपत्ति की रजिस्ट्री करेंगे, उन्हीं के जरिए ऑटोमैटिक रूप से संपत्ति का नामांतरण भी हो जाएगा। और ये सिस्टम किसी खास तरह की फ्लैट, प्लॉट, या जमीन के लिए नहीं, बल्कि हर तरह की संपत्ति के लिए लागू कर दिया गया है।

आम जनता के लिए बड़ी राहत की बात

प्रदेश की सरकार इस नए बदलाव को आम जनता के लिए बड़ी राहत बता रही है। संपत्तियों की रजिस्ट्री के बाद उसका नामांतरण कराने के नाम पर करीब हजार करोड़ का अवैध कारोबार पूरे प्रदेश में चल रहा था। अगर हर तरह के विवाद से रहित प्रॉपर्टी हो तब भी 10-15 हजार रुपये खर्च किए बिना तहसील ऑफिस से उसका नामांतरण नहीं हो पाता था। अगर किसी संपत्ति में कोई सीमा या स्वामित्व विवाद हो तो फिर नामांतरण के लिए लाखों रुपये तक वसूल लिए जाते थे। जो पैसे नहीं देते, उनका नामांतरण रोक दिया जाता था।

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रायपुर में ही एक केस सामने आया जिसमें नामांतरण में देरी के चलते खरीददार का नाम चढा नहीं, और जमीन के पुराने मालिक ने उसे फिर किसी और को बेच दिया। ना सिर्फ जमीन बिक भी गई बल्कि किसी और के नाम पर चढ़ भी गई, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।

तहसीलदार वर्ग में नाराजगी के स्वर

हालांकि, सरकार के इस फैसले का एक तबका विरोध भी कर रहा है, खासकर तहसीलदार वर्ग में नाराजगी के स्वर हैं। कहा ये भी जा रहा है कि जब नामांतरण सब रजिस्ट्रार करेगा तो विवादित जमीन या संपत्तियों का मामला कौन सुनेगा। अब तक नामांतरण, बटांकन, सीमांकन जैसे केस कलेक्टर चेन में चलते थे, सब रजिस्ट्रार को क्या इस चेन में लाया जाएगा?  


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com