Amit Shah on Wakf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक पर विपक्ष को अमित शाह का करारा जवाब, वक्फ की संपत्ति देश के गरीब मुसलमानों की…

Wakf Amendment Bill: मुझे लगता है कि कई सदस्यों के बीच कई गलतफहमियां हैं, चाहे वह वास्तविक हो या राजनीतिक। साथ ही, इस सदन के माध्यम से उन गलतफहमियों को पूरे देश में फैलाने की कोशिश की जा रही है..."

Amit Shah on Wakf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक पर विपक्ष को अमित शाह का करारा जवाब, वक्फ की संपत्ति देश के गरीब मुसलमानों की…
Modified Date: April 2, 2025 / 06:42 pm IST
Published Date: April 2, 2025 6:37 pm IST
HIGHLIGHTS
  • कई सदस्यों के बीच कई गलतफहमियां : amit shah
  • गलतफहमियों को पूरे देश में फैलाने की कोशिश: amit shah

नईदिल्ली: Amit Shahon the Wakf Amendment Bill, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “मैं अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी द्वारा पेश किए गए विधेयक का समर्थन करता हूं। मैं दोपहर 12 बजे से चल रही चर्चा को ध्यान से सुन रहा हूं…मुझे लगता है कि कई सदस्यों के बीच कई गलतफहमियां हैं, चाहे वह वास्तविक हो या राजनीतिक। साथ ही, इस सदन के माध्यम से उन गलतफहमियों को पूरे देश में फैलाने की कोशिश की जा रही है…”

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “…वक्फ अधिनियम और बोर्ड 1995 में लागू हुआ। गैर-मुस्लिमों को शामिल करने के बारे में सभी तर्क वक्फ में हस्तक्षेप के बारे में हैं। सबसे पहले, कोई भी गैर-मुस्लिम वक्फ में नहीं आएगा। इसे स्पष्ट रूप से समझें… धार्मिक संस्थानों का प्रबंधन करने वालों में किसी भी गैर-मुस्लिम को शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं है; हम ऐसा नहीं करना चाहते हैं… यह एक बहुत बड़ी गलत धारणा है कि यह अधिनियम मुसलमानों के धार्मिक आचरण में हस्तक्षेप करेगा और उनके द्वारा दान की गई संपत्ति में हस्तक्षेप करेगा। यह गलत धारणा अल्पसंख्यकों में अपने वोट बैंक के लिए डर पैदा करने के लिए फैलाई जा रही है।”

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amit shah on Wakf Amendment Bill 2025

इसके पहले भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, “यह विधेयक नहीं बल्कि एक उम्मीद है। इस उम्मीद में एंपावरमेंट, एफिशिएंसी और डेवलपमेंट है। इसे देखते हुए देश की जनता इसका समर्थन कर रही है। कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया, चर्च ऑफ भारत, केरल काउंसिल ऑफ चर्चेज और केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच जैसी कई संस्थाओं ने इसका समर्थन किया है। मैं इसके लिए उनका आभार प्रकट करता हूं। वक्फ में संशोधन करने का समय आ गया है क्योंकि यह अत्याचार और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। इसे खत्म करने और इसमें संशोधन करने का समय आ गया है। भारत को वक्फ के डर से मुक्ति चाहिए क्योंकि कांग्रेस के शासन में बने वक्फ कानून का मतलब था ‘खाता न बही, जो वक्फ कहे वही सही’…”

वक्फ संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पेश किया गया है, जहां दोपहर 12 बजे से इस बिल पर चर्चा जारी है। कई पार्टियों ने इस बिल पर अपनी अपनी बात रखी है। वहीं जेडीयू ने भी केंद्र सरकार के समर्थन में अपनी बात कही है। इस बीच केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा, “वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा हो रही है। चर्चा की शुरुआत से ही ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है जैसे यह बिल मुस्लिम विरोधी है, लेकिन बिल मुस्लिम विरोधी बिल्कुल नहीं है।

ललन सिंह ने कहा कि वक्फ एक तरह का ट्रस्ट है जो मुसलमानों के हित में काम करने के लिए बनाया गया है। यह कोई धार्मिक संस्था नहीं है। ट्रस्ट को मुसलमानों के सभी वर्गों के साथ न्याय करने का अधिकार होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। आज एक नैरेटिव बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी को कोसा जा रहा है, अगर आपको मोदी जी का चेहरा पसंद नहीं हैं तो उनकी तरफ न देखें लेकिन उनके अच्छे काम की प्रशंसा करिए…”

वहीं शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा, “शिवसेना और मेरे नेता एकनाथ शिंदे की ओर से मैं इस विधेयक का पूर्ण समर्थन करता हूं। यह एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण दिन है। पहले अनुच्छेद 370, फिर ट्रिपल तलाक और CAA, और अब यह विधेयक गरीबों के कल्याण के लिए इस सदन में लाया गया है। उनका (UBT के अरविंद सावंत) भाषण सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। यह बहुत चौंकाने वाला था। मैं UBT से एक सवाल पूछना चाहता हूं, उन्हें अपनी अंतरात्मा से पूछना चाहिए कि क्या वे आज बालासाहेब (ठाकरे) जीवित होते तो भी यही बोलते? आज यह स्पष्ट है कि UBT किसकी विचारधारा को अपना रही है और इस विधेयक का विरोध कर रही है। उनके पास अपनी गलतियों को सुधारने, अपने इतिहास को फिर से लिखने और अपनी विचारधारा को जीवित रखने का एक सुनहरा अवसर था। लेकिन UBT ने पहले ही उनकी विचारधारा को कुचल दिया। अगर बालासाहेब आज यहां होते और UBT का असहमति नोट पढ़ते, तो उन्हें बहुत दुख होता”

इसके पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता गौरव गोगोई ने वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा, “सरकार अल्पसंख्यकों के प्रति सहानुभूति दिखा रही है, लेकिन उनकी डबल इंजन सरकार ने लोगों को सड़कों पर ईद की नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी। सबसे पहले, उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि लोकसभा में उनके कितने अल्पसंख्यक सांसद हैं…”

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com