Publish Date - July 16, 2025 / 01:14 PM IST,
Updated On - July 16, 2025 / 01:24 PM IST
Bokaro Naxal Encounter/Image Source: IBC24
HIGHLIGHTS
बिरहोरडेरा के जंगलों में पुलिस-नक्सली मुठभेड़,
25 लाख का इनामी नक्सली कुंवर मांझी ढेर,
CRPF का एक जवान शहीद,
बोकारो: Bokaro Naxal Encounter: जिले के गोमिया प्रखंड अंतर्गत जागेश्वर विहार थाना क्षेत्र के बिरहोरडेरा जंगलों में बुधवार सुबह सुरक्षा बलों और भाकपा नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षा बलों ने 25 लाख के इनामी हार्डकोर नक्सली कुंवर मांझी सहित दो नक्सलियों को मार गिराया। हालांकि इस कार्रवाई में कोबरा 209 बटालियन का एक जवान भी गंभीर रूप से घायल हो गया जिनकी इलाज के क्रम में शहादत हो गई।
Bokaro Naxal Encounter: मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से दोनों नक्सलियों के शव बरामद कर लिए हैं। इनमें से एक की पहचान कुख्यात हार्डकोर नक्सली कुंवर मांझी के रूप में हुई है जिस पर सरकार ने 25 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। कुंवर मांझी लंबे समय से झारखंड-बिहार सीमा पर नक्सली गतिविधियों को संचालित कर रहा था और कई बड़े नक्सली हमलों में उसकी संलिप्तता रही है।
Bokaro Naxal Encounter: मुठभेड़ में घायल हुए कोबरा बटालियन के जवान को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। शहीद जवान की शहादत को सलाम करते हुए सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान और तेज करने का संकल्प दोहराया है। मुठभेड़ के बाद घायलों और मृतकों के शवों को ले जाने के लिए बीएसएफ का हेलिकॉप्टर स्वांग एयरपोर्ट पर उतारा गया। क्षेत्र में अब भी सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन जारी है ताकि जंगल में छिपे अन्य नक्सलियों की तलाश की जा सके।
"नक्सली मुठभेड़" वह स्थिति होती है जब सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हथियारों से सीधा संघर्ष होता है। यह अक्सर जंगलों या दूरदराज़ के क्षेत्रों में होती है जहाँ नक्सली सक्रिय होते हैं।
कुंवर मांझी कौन था और उस पर इनाम क्यों था?
कुंवर मांझी एक "हार्डकोर नक्सली" था, जो झारखंड-बिहार सीमा पर नक्सली गतिविधियों का संचालन करता था। उसके ऊपर सरकार ने ₹25 लाख का इनाम रखा था क्योंकि वह कई नक्सली हमलों में शामिल रहा था।
"कोबरा बटालियन" क्या होती है?
"कोबरा बटालियन" (COBRA - Commando Battalion for Resolute Action) एक विशेष कमांडो बल है, जिसे खासतौर पर नक्सल विरोधी अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
क्या "नक्सली मुठभेड़" के बाद इलाके में कर्फ्यू लगता है?
स्थिति की गंभीरता के आधार पर प्रशासन सुरक्षा कारणों से कुछ क्षेत्रों में अस्थायी रूप से आवाजाही पर रोक लगा सकता है, लेकिन हर मुठभेड़ के बाद कर्फ्यू नहीं लगाया जाता।
"नक्सली मुठभेड़" के बाद क्या कार्रवाई होती है?
मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बल इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाते हैं, घायलों को इलाज के लिए भेजा जाता है, शवों की पहचान होती है और खुफिया जानकारी के आधार पर आगे की रणनीति बनाई जाती है।