Publish Date - May 14, 2025 / 07:17 AM IST,
Updated On - May 14, 2025 / 07:39 AM IST
CCS Meeting On Operation Sindoor | Image Source | IBC24
HIGHLIGHTS
दिल्ली- आज होगी CCS की बैठक
ऑपरेशन सिंदूर और सुरक्षा हालात की समीक्षा की जाएगी
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद CCS की बैठक
दिल्ली: CCS Meeting On Operation Sindoor: राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से आज का दिन बेहद अहम है क्योंकि राजधानी दिल्ली में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। इस बैठक में हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए सफल ऑपरेशन सिंदूर और देश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
CCS Meeting On Operation Sindoor: सूत्रों के अनुसार इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समेत शीर्ष सैन्य और खुफिया अधिकारी शामिल हो सकते हैं। बैठक में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता, उसके बाद के सुरक्षा हालात और भविष्य की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
CCS Meeting On Operation Sindoor: बताया जा रहा है कि बैठक में आतंकवाद विरोधी अभियानों की प्रगति, सीमा पार से मिलने वाली खुफिया जानकारियों, और पाकिस्तान की गतिविधियों पर भी गंभीर मंथन हो सकता है। इसके अलावा आने वाले दिनों में आतंक के खिलाफ और सख्त कार्रवाई के लिए नई रणनीति भी तैयार की जा सकती है।
ऑपरेशन सिंदूर एक विशेष आतंकवाद विरोधी अभियान है जिसे हाल ही में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा अंजाम दिया गया। इसका उद्देश्य आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूद करना और सीमापार से हो रही घुसपैठ को रोकना था।
"राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक" में कौन-कौन शामिल होता है?
राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सेना तथा खुफिया एजेंसियों के प्रमुख अधिकारी शामिल होते हैं।
"CCS बैठक" कितनी बार होती है?
CCS बैठक आवश्यकतानुसार बुलाई जाती है, विशेष रूप से जब देश की सुरक्षा से संबंधित गंभीर स्थिति उत्पन्न हो या रणनीतिक निर्णय लेने हों।
क्या "पाकिस्तान की गतिविधियों" पर भी चर्चा होती है?
हाँ, इस तरह की राष्ट्रीय सुरक्षा बैठकों में पाकिस्तान की गतिविधियों, सीमापार आतंकवाद, और खुफिया जानकारी पर विस्तृत चर्चा होती है।
क्या "ऑपरेशन सिंदूर" जैसे और अभियान भविष्य में हो सकते हैं?
बिल्कुल, यदि सुरक्षा एजेंसियों को ऐसी गतिविधियों की जानकारी मिलती है तो भविष्य में भी ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियान चलाए जा सकते हैं।