Reported By: Indresh Suryavanshi
,Love Jihad News Latest: शुक्र-चंद्रमा के विशेष योग से लड़कियां होती हैं लव जिहाद का शिकार, ज्योतिषाचार्य ने किया रिसर्च / Image: Symbolic
उज्जैन: Love Jihad News Latest शहर में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष महाधिवेशन के दूसरे दिन सोमवार को कालिदास अकादमी परिसर में लव जिहाद का मुद्दा प्रमुख रूप से छाया रहा। सत्र के दौरान ज्योतिषियों ने कुंडली में बनने वाले ग्रह योगों को लव जिहाद से जोड़ते हुए इससे बचाव के ज्योतिषीय उपाय भी बताए। ज्योतिषियों का दावा रहा कि यदि कुंडली में शुक्र-चंद्रमा एक साथ हों और ये ग्रह छठे, आठवें या बारहवें भाव में स्थित हों, साथ ही शनि-चंद्रमा और केतु ग्रह का संयोग बने, तो ऐसे योग लव जिहाद का कारण बन सकते हैं। इसे लेकर सम्मेलन में विस्तृत चर्चा की गई।
बताया गया कि यह पहला अवसर है जब किसी ज्योतिष सम्मेलन में लव जिहाद जैसे सामाजिक विषय पर खुलकर चर्चा हुई और इससे बचने के उपाय भी बताए गए। सम्मेलन के अंतिम दिन नेपाल से तंत्र विद्या विशेषज्ञ चुरामणि पांडेय, इंदौर से ज्योतिष शिव मेहता, राजस्थान से जयंत कीर्ति, खरगोन से डॉ. बसंत सोनी, उज्जैन से कीर्ति व्यास, दिल्ली से एसएच रावत, राजेश शर्मा और मानवेन्द्र रावत सहित कई ज्योतिषाचार्य कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान ज्योतिर्विज्ञान के विद्यार्थियों ने भी अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम में वैवाहिक जीवन, कुंडली मिलान, उसमें आने वाले दोष और हस्तरेखा विज्ञान पर भी चर्चा हुई, लेकिन लव जिहाद को लेकर हुई चर्चा केंद्र में रही। खरगोन से मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए ज्योतिष डॉ. बसंत सोनी ने मंच से कहा कि उनकी रिसर्च के अनुसार रोजाना बड़ी संख्या में लड़कियां लव जिहाद का शिकार हो रही हैं, जिनमें पढ़ी-लिखी युवतियां अधिक हैं।
डॉ. सोनी ने दावा किया कि जिन लड़कियों की कुंडली में शुक्र-चंद्रमा का विशेष योग बनता है और उसके साथ शनि-चंद्रमा व केतु ग्रह स्थित होते हैं, उनकी निर्णय क्षमता प्रभावित होती है और वे जल्दी किसी के प्रभाव में आ जाती हैं। उन्होंने माता-पिता से अपील की कि वे अपने बच्चों की कुंडली दिखाकर सतर्कता बरतें। उपाय बताते हुए डॉ. सोनी ने कहा कि यदि कुंडली में ऐसे दोष हों तो हनुमान चालीसा का नियमित पाठ, आध्यात्मिक ज्ञान और धर्मशास्त्रों के अध्ययन से इन प्रभावों को कम किया जा सकता है। सम्मेलन में विभिन्न छात्रों ने भी विषय से जुड़े अपने शोध प्रस्तुत किए।