Janjgir News: ‘ननकीराम को नजरबन्द करना दुर्भाग्यपूर्ण और अलोकतांत्रिक’.. जानें और क्या कहा डॉ चरणदास महंत ने
जब प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री है तब एक आदिवासी वरिष्ठ नेता को हाउस अरेस्ट करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। ये बीजेपी के अंदरूनी मतभेदों का संकेत है।" -डॉ. चरणदास महंत
- बीजेपी नेताओं पर तीखा हमला।
- धान खरीदी पर सरकार को घेरा।
- ननकीराम कंवर की नजरबंदी पर सवाल।
Janjgir News: छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने जांजगीर में मीडिया से बातचीत के दौरान कई राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर बड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बीजेपी नेताओं के बयानों से लेकर आदिवासी मुद्दों, धान खरीदी और धार्मिक मामलों तक खुलकर अपनी राय रखी और उनके बयानों ने एक बार फिर से राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है।
केदार कश्यप के बयान पर तंज
पूर्व मंत्री केदार कश्यप के उस बयान पर, जिसमें उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने की बात कही थी डॉ. महंत ने कहा कि “ऐसे बयानों का कोई औचित्य नहीं है।” उन्होंने कहा की ,”ये बयान जवाब देने लायक नहीं हैं। केदार कश्यप पहले खुद बेहतर ढंग से काम करें, फिर दूसरों पर टिप्पणी करें।”
ननकीराम कंवर के नजरबंदी पर भी सवाल
बीजेपी के वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकीराम कंवर को नजरबंद किए जाने के सवाल करते हुए डॉ. महंत ने कहा कि ये लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है। उन्होंने तीखा सवाल उठाते हुए कहा – “जब प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री है तब एक आदिवासी वरिष्ठ नेता को हाउस अरेस्ट करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। ये बीजेपी के अंदरूनी मतभेदों का संकेत है।”
नारायण चंदेल पर भी साधा निशाना
पूर्व नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बयान जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष किया था उस पर भी उन्होनें प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “वो हार चुके हैं, इसलिए बेतुकी बातें कर रहे हैं। कांग्रेस के विधायक प्रदेश में बेहतर काम कर रहे हैं, और जनता का विश्वास हमारे साथ है।”
धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर कसा तंज
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा “हिंदुओं को जगाने” वाले बयान पर डॉ. महंत ने चुटकी लेते हुए कहा, “उन्हें कौन रोक रहा है? लगता है उन्होंने खुद ही ये काम ठेके पर ले लिया है। धर्म के नाम पर समाज में उथल-पुथल मचाना ठीक नहीं है।”
धान खरीदी को लेकर सरकार पर निशाना
राज्य में धान खरीदी को लेकर भी उन्होनें सरकार को घेरा उन्होंने कहा कि नवंबर से धान खरीदी शुरू करने की बात कही जा रही है लेकिन इस बार किसान पहले से ही परेशान हैं,”सरकार को किसानों के हक में ठोस योजना बनानी चाहिए वरना आंदोलन की स्थिति बनेगी।”
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