Chhattisgarh Sai Cabinet expanded soon, image source: ibc24
रायपुर: Sai cabinet expansion in Chhattisgarh, छत्तीसगढ़ की राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा जोरों पर है। इस बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल विस्तार कभी भी हो सकने वाले बयान ने भाजपा विधायकों की धड़कनें और तेज कर दी है। आखिर किन नामों पर मुहर लग सकती है इसे लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार को 16 माह पूरे होने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की नेतुत्व वाली सरकार में मंत्रिमंडल की टीम में 2 पद खाली है। जिसके लिए भाजपा की केन्द्र और राज्य के वरिष्ठ नेताओं के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। जिसमें नाम भी तय हो चुके हैं। लेकिन मुख्यमंत्री पूरी तरह सस्पेंस बनाए हुए हैं। और इस बीच आज उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार कभी भी हो सकने वाला बयान दिया है। जिसके बाद से अपने को मंत्री की रेस में शामिल होने वाले विधायकों की धड़कने बढ़ गई हैं।
भाजपा विधायकों के कुछ ये नाम जिस पर अनुभव, क्षेत्र, जाति और सक्रियता के कारण मंत्री बनने की चर्चा महीनों से चल रही है। इसमें सबसे पहले ये दो नाम सामान्य वर्ग से आने और पूर्व मंत्री का अनुभव रखने वाले राजेश मूणत और अमर अग्रवाल हैं। इसी तरह पहली बार के विधायक लेकिन जाति के कारण मंत्री बनने के मौके पुरंदर मिश्रा और गजेन्द्र यादव के हैं। उड़िया समाज को खुश करने पुरंदर मिश्रा को मंत्री बनाया जा सकता है। जो आधा दर्जन से ज्यादा सीटों पर उड़िया फैक्टर है। तो वही गजेन्द्र यादव, जिनके पिता आरएसएस के प्रांत संचालक रहे हैं, साथ ही छत्तीसगढ़ में यादव समाज की बाहुल्यता को देखते ही इन्हें मंत्री बनने का मौका मिल सकता है।
इधर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खूब बयान बाजी हो रही है। डिप्टी सीएम अरुण साव का कहना है कि मंत्रिमंडल का विस्तार होना है, जो मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। वहीं पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने मंत्रिमंडल विस्तार को बीरबल की खिचड़ी बताते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को झुनझुना पकड़ाने की बात कही है।
जिसके पलटवार में कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने कहा की झुनझुना तो कांग्रेस की सरकार पकड़ा रही थी। हर बात पर भ्रम फैला रही थी। कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़िया नारे लगाती थी लेकिन दूसरे राज्यों से सांसद बनती थी।
मुख्यमंत्री साय के आज के बयान से स्पष्ट हो गया है कि अब मंत्रिमंडल विस्तार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। ऐसे में देखना होगा जिन नामों पर कयास महीनों से लग रहे हैं उन्हें मौका मिलेगा या मायूसी हाथ लगेगी। तो कहीं मुख्यमंत्री कोई ऐसे नामों की घोषणा न कर दें जो सबको चौंका दें।