Galat challan kaise cancel karein
E-Challan Cancellation: ट्रैफिक नियमों का पालन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है, लेकिन कभी-कभी पुलिस या ई-चालान सिस्टम के कारण गलत चालान कट जाता है। यह तकनीकी गड़बड़ी, गलत वाहन पहचान या मानवीय भूल के कारण हो सकता है। चलिए कल्पना कीजिए, आप घर लौट रहे हैं, नियमों का पालन करते हुए, और अचानक SMS आता है आपका ₹1,000 का फाइन स्पीडिंग के लिए कट गया, जबकि आप शहर के बाहर थे। यह सिर्फ एक कहानी नहीं, लाखों लोगों की हकीकत है, जो बिना गलती इस गलत इ-चालान के शिकार हो जाते हैं।
भारत में मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के तहत आपको चालान को चुनौती देने का पूरा अधिकार है। ई-चालान सिस्टम, जो 2016 में मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज (MoRTH) द्वारा शुरू किया गया, पारदर्शिता का वादा करता है। कैमरे उल्लंघन कैप्चर करते हैं, नंबर प्लेट स्कैन होती है, और चालान मालिक के रजिस्टर्ड मोबाइल पर पहुंच जाता है। लेकिन ये तो महज़ तकनीक इंसान नहीं, गलत नंबर रीडिंग, धुंधली इमेज या सिस्टम ग्लिच से चालान गलत वाहन पर लग जाते हैं। एक सर्वे के मुताबिक, 10-15% ई-चालन गलत साबित होते हैं।
सबसे पहले, शांत रहें। echallan.parivahan.gov.in पर चेक करें। फोटो डाउनलोड करें तथा डिटेल्स वेरिफाई करें, अगर मिसमैच, तो ग्रिवांस फाइल करें। गलत चालान को चुनौती देने के लिए 60 दिनों का समय होता है (कुछ राज्यों में 15-30 दिन)। प्रक्रिया ऑनलाइन/ऑफलाइन दोनों है।
गलत चालान को रद्द कराने के लिए आपको सबसे पहले E-challan Parivahan पोर्टल पर जाना होगा। वहां Complain का ऑप्शन मिलेगा। आपको चालान नंबर, गाड़ी नंबर, मोबाइल और जरूरी दस्तावेज जैसे RC, ड्राइविंग लाइसेंस, और गाड़ी की फोटो उसपर अपलोड करनी होगी। इसके साथ ही यह बताना होगा कि चालान क्यों गलत है: चालान नंबर डालें और कारण बताएं। उदाहरण के लिए : (“मैं उस समय दिल्ली में था”) GPS प्रूफ संलग्न करें और सबमिट करें। इसके बाद ट्रैफिक विभाग जांच करेगा और चालान को रद्द कर देगा। 15 दिनों में रिस्पॉन्स आएगा।
कानूनी रूप से, मोटर व्हीकल एक्ट आपको हक देता है। सेक्शन 173 के तहत अपील कोर्ट में जा सकती है, लेकिन ज्यादातर केस ऑनलाइन सॉल्व हो जाते हैं। दिल्ली में, ट्रैफिक पुलिस 1% ही अपील वैलिड मानती है, लेकिन सही प्रूफ से 80% केस कैंसल हो जाते हैं।
जागरूक बनें: नियम फॉलो करें, लेकिन अधिकार जानें।
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