FASTag New Rules In India/ Image Credit : AI Meta
FASTag New Rules : महाराष्ट्र सरकार ने ट्रैफिक नियमों को लेकर एक बड़ा बदलाव करते हुए सभी वाहनों के लिए FASTag अनिवार्य कर दिया है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर यह पहले भी अनिवार्य था। 1 अप्रैल से राज्य के हाइवे पर भी फास्टैग को अनिवार्य कर दिया जाएगा। जिस वाहन पर फास्टैग नहीं होगा उसे दोगुना टैक्स चुकाना पड़ेगा। सरकार ने कैबिनेट बैठक में मौजूदा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप 2014 की पॉलिसी में संशोधन को मजूरी दे दी हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने ट्रैफिक नियमों को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है। देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने राज्य के राजमार्गों पर भी फैस्टैग को अनिवार्य कर दिया है। 1 अप्रैल 2025 से राज्य के 22 हाईवे पर भी फास्टैग जरूरी होगा। मंगलवार को सरकार ने परिवहन विभाग के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। अब राज्य में रोड टोल पर सभी वाहनों का रोड टैक्स फास्टैग (FASTag) के माध्यम से ही जमा करना होगा।
यदि फास्टैग के माध्यम से रोड टैक्स का जमा किया जायेगा तो रोड टैक्स संग्रहण में अधिक दक्षता और ट्रांसपेरेंसी आयेगी। टोल प्लाजा पर वाहनों की रुकावट कम होगी। इससे समय और ईंधन की भी बचत होगी।
सरकार के आदेश में कहा गया है कि 13 लोकनिर्माण विभाग और 9 महाराष्ट्र सड़क विकास निगम के हाइवे पर भी टोल टैक्स चुकाने के लिए फास्टैग जरूरी होगा। सरकार टोल कलेक्शन में ज्यादा पारदर्शिता और टोल प्लाजा पर होने वाली भीड़ को कम करने का रास्ता निकाल रही है। यह निर्णय उन परियोजनाओं पर लागू होगा जहां रोड टैक्स इसी स्थान पर और भविष्य में भी वसूला जाना है।
परिवहन विभाग ने कहा था, नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया 2021 से ही फास्टैग नीति को लागू कर रही है। अब राज्य के हाइवे पर भी यह आवश्यक होगा। ब राज्य में भी यह लागू किया गया है। इसके सभी नियम नेशनल हाइवे की तरह ही होंगे। जिन गाड़ियों पर फास्टैग नहीं होगा उसे दोगुना टोल टैक्स देना पड़ेगा।
FASTag एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है, जिसे भारत सरकार ने राष्ट्रीय उच्च मार्गों (NH) और अन्य प्रमुख सड़कों पर टोल शुल्क का भुगतान सरल बनाने के लिए पेश किया है। यह एक RFID टैग होता है, जिसे गाड़ियों के विंडस्क्रीन पर चिपकाया जाता है। FASTag के द्वारा टोल प्लाजा पर वाहन स्वचालित रूप से प्रवेश करता है और टोल शुल्क इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वसूला जाता है, बिना वाहन को रुकवाए।