शह मात The Big Debate: OBC आरक्षण कब तक शोर मचेगा..गिरगिट की पहचान कौन करेगा? क्या सियासी आरोपप्रत्यारोप से ओबीसी आरक्षण हासिल होगा? देखिए पूरी रिपोर्ट
MP Politics: OBC आरक्षण कब तक शोर मचेगा..गिरगिट की पहचान कौन करेगा? क्या सियासी आरोप-प्रत्यारोप से ओबीसी आरक्षण हासिल होगा? देखिए पूरी रिपोर्ट
MP Politics | Photo Credit: IBC24
- कांग्रेस ने विधानसभा परिसर में सरकार पर हमला बोला
- कहा- बीजेपी रंग बदलने में माहिर
- ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित
भोपाल: MP Politics मप्र में विधानसभा सत्र का पहला दिन कांग्रेस के शोर में डूब गया। विधानसभा परिसर में कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण को लेकर हंगामा किया, सवाल उठाया और आरोप भी लगाया। ओबीसी आरक्षण पर सियासी राग नया नहीं है। वहीं दलील, वही आरोप, और वही शोर पर क्या केवल प्रदर्शन से ओबीसी आरक्षण मिल जाएगा और क्या मौजूदा सरकार ने अपनी मर्जी से ओबीसी आरक्षण को रोका है। सच तो ये है कि इस प्रदर्शन में भी सब कुछ वही रटा-रटाया-घिसा-पिटा दिखा। सिवाय गिरगिटों के जी हां इस प्रदर्शन में गिरगिट की भी एंट्री हुई। कई कांग्रेस गिरगिटों की प्रतिकृति लेकर विधानसभा परिसर पहुंचे थे। हालांकि असल में गिरगिट कौन और गिरगिट कितने?
MP Politics मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस ने अपने तेवर साफ कर दिए हैं। कांग्रेस ने पहले ही दिन उस सर्कुलर की हवा निकाल दी जिसमें धरना प्रदर्शन को बैन किया गया था।कांग्रेस आज गिरगिट लेकर विधानसभा परिसर के गांधी प्रतिमा के ठीक नीचे नारेबाजी करते नज़र आयी। हाथों में सांकेतिक गिरगिट था और तख्तियां थी। कांग्रेस विधायक ये कह रहे थे कि बीजेपी सरकार गिरगिट से भी ज्यादा रंग बदलती है। रंग बदलने की वजह कांग्रेस ने ओबीसी कैटेगरी के लिए 27 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था को लागू ना करना बताया है।
कांग्रेस ये भी दावा कर रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी टिप्पणी में ये कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार को शासकीय भर्तियों में 14 फीसदी के बजाए 27 फीसदी आरक्षण देना चाहिए। उधर विधानसभा में कांग्रेस के प्रदर्शन से बीजेपी नेता भड़क गए। 27 फीसदी आरक्षण पर जवाब देने के बजाए बीजेपी के मंत्री विधायक ये कहते रहे कि कांग्रेस मीडिया में दिखने छपने के लिए विधानसभा के मर्यादित फ्लोर पर नौटंकी कर रही है।
फिलहाल ओबीसी कैटेगरी के लिए एमपी में 27 फीसदी आरक्षण लागू करना बीजेपी सरकार के गले की हड्डी बन गया है। मामला सुप्रीम कोर्ट मे है और उधर शासकीय भर्तियों की वेटिंग लिस्ट में अपना नाम देखकर ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों में नाराज़गी बढ़ती जा रही है। कुल मिलाकर बीजेपी सरकार के सामने बेरोजगार युवाओं को मनाने और विपक्ष को बैकफुट पर लाने की दोहरी चुनौती नज़र आ रही है।

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