Funding Of Aurangzeb Tomb, imgar source: findall
Funding Of Aurangzeb Tomb: देश में इन दिनों छत्रपति शिवाजी महाराज और मुगल शासक औरंगजेब को लेकर विवाद गरमाया हुआ है। इस मुद्दे पर कई राजनीतिक दल अपनी-अपनी सियासत कर रहे हैं। इसी बीच, एक आरटीआई (RTI) के खुलासे ने इस बहस को और हवा दे दी है। आरटीआई रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार हर साल औरंगजेब की कब्र के रखरखाव पर करीब 2 लाख रुपये खर्च कर रही है, जबकि छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर के लिए मात्र 250 रुपये प्रति माह की सहायता राशि दी जाती है।
आरटीआई के इस खुलासे के बाद हिंदू जनजागृति संगठन ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है। संगठन का कहना है कि औरंगजेब की कब्र के रखरखाव के लिए लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जबकि छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर के लिए बेहद कम सहायता राशि दी जाती है। संगठन ने इस असमानता को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सरकार से मांग की है कि शिवाजी महाराज के मंदिर को भी पर्याप्त सहायता मिले और औरंगजेब की कब्र के लिए दी जाने वाली सरकारी सहायता तुरंत बंद की जाए।
हिंदू जनजागृति संगठन के अनुसार, औरंगजेब की कब्र के रखरखाव के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) हर साल लाखों रुपये खर्च कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021-22 में इस पर 2,55,160 रुपये, जबकि 2022-23 में 2,00,636 रुपये खर्च किए गए। अब तक इस कब्र के रखरखाव पर लगभग 6.50 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
संगठन ने यह सवाल उठाया है कि जिस छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपना जीवन हिंदू धर्म, महाराष्ट्र की संस्कृति और स्वराज की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया, उनके मंदिर के लिए इतनी कम राशि क्यों दी जा रही है? संगठन ने मांग की है कि शिवाजी महाराज के मंदिर को पर्याप्त सरकारी सहायता दी जाए और औरंगजेब की कब्र पर होने वाले सरकारी खर्च को तुरंत रोका जाए।
इस मामले पर सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन यह मुद्दा अब तूल पकड़ता जा रहा है, और आने वाले दिनों में इस पर और भी प्रतिक्रियाएं सामने आ सकती हैं।